________________
मेवाड़ के जैन तीर्थ भाग 2
कारनिस में नीचे आलिए में : (मंदिर से निकलते समय दाई ओर)
38 धातु की प्रतिमाएं विभिन्न नाप, नाम व समय की है जिसका विवरण
अपरिहार्य कारण से नहीं हो सका। बाहर के सभा मण्डप के खेलामण्डप बीच में वेदी पर :
1. श्री पार्श्वनाथ भगवान की धातु की 37" ऊंची प्रतिमा है। 2. श्री जिनेश्वर भगवान की श्याम पाषाण की 15" ऊंची प्रतिमा है। इस पर
सं. 1828 फा. शु. 3 का लेख है। श्री पार्श्वनाथ भगवान की श्याम पाषाण की 15.6" ऊंची प्रतिमा है। इस पर सं. 1828 फा. शु. 3 का लेख है। वेदी पर ही सिद्धचक्र यंत्र श्याम पाषाण 23"x23" का है। इसके किनारे सं. 1828 फा. शु. 3 का लेख है। श्री पार्श्वनाथ भगवान की धातु | की 14" ऊंची प्रतिमा है। श्री मुनिसुव्रत भगवान की श्वेत पाषाण की 11" ऊंची प्रतिमा है। इस पर सं. 1825 का लेख
श्री जिनेश्वर भगवान की श्वेत पाषाण की 10" ऊंची प्रतिमा है। इस पर सं. 1825 का लेख है।
7. पट्ट श्वेत पाषाण का 10"X10" पर एक पादुका जोड़ी स्थापित है। ____ पट्ट श्वेत पाषाण का 10"X10" पर 5 जोड़ी पादुका स्थापित है।
J
e
rnational
For Persha 13 de Use Only
www.jainelibrary.org