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मेवाड़ के जैन तीर्थ भाग 2
उत्थापित चल प्रतिमाएं व यंत्र धातु की :
1. प्रतिमाएं
2. चतुर्विशंति
3. सिद्धचक्र यंत्र
4. अष्टमंगल यंत्र
9 विभिन्न नाप की
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सभामण्डप :
1. श्री यंत्र श्याम पाषाण की 14 "X11" का है। इस पर सं. 1945 वै वदि 3 का लेख है ।
2. श्री चतुर्विशंति मयपादुका 25X25" श्वेत पाषाण की का है। इस पर सं. 1945 का लेख है ।
इस मंदिर की देखरेख समाज की ओर से अनिल भाई देवड़ा करते हैं ।
मंदिर के स्तम्भ पर रंग रोगन, चित्रकारी है कलात्मक द्वार, बारीक खुदाई, गोखड़े बने हैं ।
इसकी वार्षिक ध्वजा कार्तिक सूदी पूर्णिमा को चढ़ाई जाती है ।
मंदिर परिसर में उपाश्रय बना हुआ है। मंदिर के पीछे सामाजिक भूखण्ड है जो सामाजिक कार्यों में काम आता है।
मंदिर की 5 बीघा जमीन है, पुजारी के पास है ।
हमारे भीतर अहंकार है या नहीं, यह तो कोई अपमान करे तभी पता चले।
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