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3.
1.
2.
धातु का यंत्र :
अष्टमंगल यंत्र 5” X 3" के आकार का है। इस पर सं. 2065 का लेख है I
निज मंदिर में
3.
4.
5.
मेवाड़ के जैन तीर्थ भाग 2
लांछण स्वास्तिक का स्पष्ट है । ऐसा उल्लेख आता है कि सुपार्श्वनाथ के भी नाग का उत्सर्ग आया था इसलिए इनके मस्तक पर सर्प का छत्र कहीं-कहीं देखा जाता है ।
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श्री मुनिसुव्रत भगवान की (मूलनायक के बाएं) श्वेत पाषाण की 11" ऊँची प्रतिमा है। इस पर कोई लेख नहीं है।
सभामण्डप में श्री पद्मावती देवी की श्वेत पाषाण की 11" ऊँची प्रतिमा है । (बाईं ओर आलिए में)
सभामण्डप में श्री पद्मावती देवी की श्वेत पाषाण की 13" ऊँची प्रतिमा है । (दाईं ओर आलिए में)
श्री शांतिनाथ भगवान की श्वेत पाषाण की 15 " ऊँची प्राचीन प्रतिमा है ।
श्री धरणेन्द्र देव की श्वेत पाषाण की 11" ऊँची प्रतिमा है।
पट्ट श्वेत पाषाण का 15 " x 8" के आकार पर दो पादुका जोड़ी स्थापित है। इसके किनारे सं. 1820 का लेख है । (बाईं ओर)
यह मंदिर सातबीस देवरी जैन श्वेताम्बर मंदिर ट्रस्ट द्वारा संचालित है । सभी व्यवस्था व सम्पर्क सूत्र संस्था के ही हैं ।
वार्षिक ध्वजा माघ सुदि 2 को चढ़ाई जाती है ।
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