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मेवाड़ के जैन तीर्थ भाग 2
उत्थापित चल प्रतिमाएँ व यंत्र धातु की:
श्री कुंथुनाथ भगवान की 9" ऊँची पंचतीर्थी प्रतिमा है। इस पर संवत् 2025 वैशाख सुदि 5 का लेख है। श्री सिद्धचक्र यंत्र गोलाकार 5" का है। इस पर संवत् 2024 वैशाख सुदि 6 का लेख है। श्री अष्टमंगल यंत्र 6" x 3.5" का है। इस पर संवत् 2027 माघ सुदि 10
का लेख है। बाहर सभामण्डप में - (आलिओं में): 1. श्री पद्मावती देवी की श्वेत पाषाण की 11" ऊँची प्रतिमा है। इस पर संवत्
2024 का लेख है। श्री केसरियानाथ भगवान की श्याम पाषाण की 10'' ऊँची प्रतिमा है। इस
पर सवंत् 1959 का लेख है। इस प्रतिमा को पुनः स्थापित किया गया। 3. श्री माणिभद्र की श्वेत पाषाण की 6" ऊँची प्रतिमा है। इस पर संवत् 1824
का लेख है। बाई ओर:
गौमुख यक्ष की श्वेत पाषाण की 13" ऊँची प्रतिमा है। इस पर संवत् 2024
का लेख है। 2. श्री पार्श्वनाथ भगवान की श्याम पाषाण की 11' ऊँची प्राचीन प्रतिमा है।
इस पर कोई लेख नहीं है। इस प्रतिमा को पुनः स्थापित की गई। दो
प्रतिमाएँ पूर्व में पंचायती दुकान में स्थापित थीं। मंदिर की काफी जमीन है जो समाज के खाते में हैं, नोहरा व दुकाने हैं। वार्षिक ध्वजा पोष वदि 10 को चढ़ाई जाती है। देखरेख समाज द्वारा की जाती है। वर्तमान में प्रतिनिधि श्री लक्ष्मीलाल जी हिंगड़ हैं। विशेष देखरेख श्री शांतिलाल जी गांधी करते हैं।
सम्पर्कसूत्र-फोन 01471-226211, मोबाइल : 9792693131
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