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मेवाड़ के जैन तीर्थ भाग 2
श्री चिंतामणि पार्श्वनाथ भगवान का मंदिर, कपासन
यह शिखारबंद मंदिर चित्तौड़गढ़ से 25 किलोमीटर दूर है व रेल्वे स्टेशन है। यह मंदिर करीब 450 वर्ष प्राचीन बताते है व 1626 का निर्मित होने का उल्लेख हैं तथा प्रतिमा पर भी संवत् 1671 का लेख उत्कीर्ण था लेकिन वह प्रतिमा उपलब्ध नहीं है। अतः 440 वर्ष प्राचीन
2.
इस मंदिर में निम्न प्रतिमाएं स्थापित हैं : 1. श्री पार्श्वनाथ भगवान की
(मूलनायक) श्वेत पाषाण की 27" ऊँची प्रतिमा हैं। इस पर संवत् 1719 पोष वदि 12 का लेख है। श्री मुनिसुव्रत भगवान की (मूलनायक के दाएं) श्वेत पाषाण की 15" ऊँची प्रतिमा हैं। इस पर लेख पीछे की ओर होने से अपठनीय है। श्री नंदसूरि जी द्वारा प्रतिष्ठित है। श्री नमिनाथ भगवान की (मूलनायक के बाएं) श्वेत पाषाण की 15" ऊँची प्रतिमा हैं। इस पर लेख पीछे की ओर है। श्री नंदसूरि जी द्वारा प्रतिष्ठित
श्री जिनेश्वर भगवान की श्याम पाषाण की 5" ऊँची प्रतिमा है। इस पर लेख नहीं हैं।
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