________________
मेवाड़ के जैन तीर्थ भाग 2
34. श्री पार्श्वनाथ भगवान की पाषाण की 13" ऊँची प्रतिमा है। इस पर लेख है
- संवत् 1910 --- संतोष --- 35. श्री जिनेश्वर भगवान की श्याम पाषाण की 11" ऊँची प्राचीन प्रतिमा है।
इस पर कोई लेख व लाछंण नहीं है। श्री जिनेश्वर भगवान की श्याम पाषाण की 5.5" ऊँची प्रतिमा है। इस पर कोई लेख व लाछंण नहीं है। इस प्रतिमा के बारे में कहा गया है कि कुछ वर्षों पूर्व यह प्रतिमा एक तेली के खेत से मिली। ऐसा कहा जाता है कि उस तेली को स्वप्न आया कि उसको बाहर निकाले । खुदाई करने पर सर्प के दर्शन हुए। तेली घबराया और बाद में खुदाई का विचार छोड़ दिया। कुछ दिनों बाद पुनः स्वप्न आया कि सर्प से न डरे, वह हट जायेगा। पुनः खुदाई की, सर्प दूर चला गया। मूर्ति निकाली। मूर्ति की सेवा न होने पर घर में परेशानी होने लगी तो यह प्रतिमा करेड़ा के श्री को सुपुर्द कर दी। वहाँ पर भी सेवा नहीं हुई। उनके घर में भी परेशानी होने लगी उन्होंने
मंदिर को लिखित में देकर सुपुर्द की । अब नियमित पूजा हो रही है। 37 श्री सिद्धचक्र यंत्र ताम्बे का गोलाकार 23' का है। 38. श्री आदिनाथ भगवान की श्वेत पाषाण की 20” ऊँची प्रतिमा है। इस पर
कोई लेख नहीं है। श्री शांतिनाथ भगवान की चतुर्विशंति 11" ऊँची धातु की प्रतिमा है। इसके पीछे 2043 का लेख है।
श्री सिद्धचक्र यंत्र 7' गोलाकार मयस्टेण्ड व नालीदार धातु का है। 41. श्री शांतिनाथ भगवान की पंचतीर्थी धातु की प्रतिमा है। 42. श्री सिद्धचक्र यंत्र गोलाकार 6” का है। इस पर संवत् 2053 माघसुदि 11
का लेख है। श्री आदिनाथ भगवान की पीत पाषाण की 11' ऊँची है। इस पर लेख है -
संवत् 1021 मिती माह सु -- __ श्री जिनेश्वर भगवान की श्याम पाषाण की 11" ऊँची प्राचीन प्रतिमा है।
इस पर कोई लाछण व लेख नहीं है। 45. श्री जिनेश्वर भगवान की श्वेत पाषाण की 11.5" ऊँची प्रतिमा है।
40.
श्री
43.
Jain Education International
For P
r ivate Use Only
www.jainelibrpy.org.
International
Fo (144) ate Use Only