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मेवाड़ के जैन तीर्थ भाग 2
उत्थापित धातु की प्रतिमाएंव यंत्र:
श्री शांतिनाथ भगवान की 8" ऊँची पंचतीर्थी प्रतिमा है। इस पर संवत्
2063 का लेख है। 2. श्री सिद्धचक्र यंत्र गोलाकार 6” का है। इस पर वीर सं. 2498 वैशाख
शुक्ल 3 का लेख है।
श्री ताम्बे का पट्ट चौकड़ीनुमा 3" का है। बाहर सभामण्डप में: 1. श्री गंधर्व यक्ष की श्वेत पाषाण की 13" ऊँची प्रतिमा है। इस पर सं. 2035
का लेख है। 2. श्री बला यक्षिणी की श्वेत पाषाण की 13" ऊँची प्रतिमा है। इस पर सं.
2035 का लेख है। शिखर की परिक्रमा के तीनों ओर तीन मंगल मूर्ति स्थापित है। मंदिर की भूमि व उपाश्रय है जो कन्हैयालाल जी सिंघवी के नाम पर ही है।
वार्षिकध्वजावैशाख शुक्ला 3 कोचढ़ाई जाती है।
मंदिर की देखरेख समाज के अध्यक्ष श्री कन्हैयालाल जी सिंघवी व रूपलाल जी बोल्या द्वारा की जाती है। सम्पर्क सूत्र-01472-220042, 01472-220892
भय किसे होता है? जिसे लोभ होता है।
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