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मेवाड़ के जैन तीर्थ भाग 2
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श्री कुंथुनाथ भगवान का मंदिर, सतखण्डा
यह प्राचीन शिखरबंद मंदिर चित्तौड़गढ़ से 15 किलोमीटर दूर है। ग्राम के जैन सदस्यों के द्वारा ज्ञात हुआ कि इसी स्थान पर जैन मंदिर के खाण्डहर थे, जिसको पुरातत्व विभाग के अधिकारी को आमंत्रण कर जांच कराई, उन्होंने बताया कि उसका पाषाण 12वीं शताब्दी का है
और जैन आचार्य द्वारा भी पुराना बताया, इसलिए मंदिर का निर्माण पुराने स्थान पर ही बनाने का निर्णय किया और संवत् 2039 को प्रतिष्ठा कराई। निम्न प्रतिमाए स्थापित की गई:
श्री कुंथुनाथ भगवान की (मूलनायक) श्वेत पाषाण की 19" ऊँची प्रतिमा है। इस पर संवत् 2035 वैशाख शुक्ल 3 रविवार का लेख है। श्री पार्श्वनाथ भगवान की (मूलनायक के दाएं) श्वेत पाषाण की 13" ऊँची प्रतिमा है। इस पर संवत् 2035 वैशाख शुक्त 3 का लेख है। श्री महावीर भगवान की | (मूलनायक के बाएं) श्वेत पाषाण की 13" ऊँची प्रतिमा है। इस पर संवत् 2035 वैशाख शुक्त 3 का लेख है।
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