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उत्थापित चल प्रतिमाएँ व यंत्र धातु की :
1. श्री महावीर भगवान की 9" ऊँची प्रतिमा है। इस पर संवत् 2035 वैशाख शुक्ल 3 का लेख है।
श्री जिनेश्वर भगवान की 5" ऊँची पंचतीर्थी प्रतिमा है। इस पर अपठनीय लेख है।
2.
3.
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6.
मेवाड़ के जैन तीर्थ भाग 2
2.
7.
बाहर सभामण्डप में :
1.
श्री पार्श्वनाथ भगवान की 2.7" ऊँची प्रतिमा है। इस पर 1660 का लेख है।
श्री जिनेश्वर भगवान की 2.5" ऊँची पाषाण की प्रतिमा है।
श्री सिद्धचक्र यंत्र गोलाकार 4.5" का है। इस पर संवत् 2059 का लेख है। 2038 माघ कृष्णा 6
श्री सिद्धचक्र गोलाकार 4.5" का है। इस पर संवत् का लेख है।
श्री सिद्धचक्र यंत्र 6" x 5" का है । इस पर कोई लेख नहीं है।
श्री क्षेत्रपाल की 15" व 15" ऊँची दो प्रतिमाएँ हैं ।
श्री माणिभद्र की 20” ऊँची प्रतिमा है। इस पर सिन्दूर का प्रयोग किया जाता है।
दीवार पर निम्न चित्रपट्ट बने हुए हैं पांच पहाड़, (राजगृही) सम्मेद शिखर जी, पावापुरी, गिरनार जी, नेमिनाथ जी, 14 स्वप्न ।
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1. श्री षष्टमुख यक्ष देव की श्वेत पाषाण की 13" ऊँची प्रतिमा है। इस पर संवत् 2034 ज्येष्ठ शुक्ला 5 का लेख है।
2. श्री राजेन्द्र सूरि जी की श्वेत पाषाण की 15" ऊँची प्रतिमा है।
मदिर का जीर्णोद्धार संवत् 2006 में सम्पन्न हुआ । प्रतिष्ठा 2034 में सम्पन्न हुई। मंदिर की 5 बीघा जमीन थी, उसको श्री औंकार जी कुमावत को बेचने की जानकारी है, जानकारी करनी चाहिये। मंदिर की एक दुकान किराए पर है जिसकी राशि से दैनिक व्यय किया जाता है।
वार्षिक ध्वजा ज्येष्ठ शुक्ला 5 को चढ़ाई जाती है ।
मंदिर की देखरेख समाज की ओर से श्री भंवरलाल जी सिंघवी व श्री अमरसिंहजी मुनोत करते हैं । सम्पर्क सूत्र - 01477-248307
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