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मेवाड़ के जैन तीर्थ भाग 2
4. श्री अष्टमंगल यंत्र 5"x2.7" का है। इस पर सं. 2065 का लेख है। 5. अजितनाथ भगवान की आकृति 2"x2" का पट्ट है। कोई लेख नहीं है। बाहर - आलियों में: 1. श्री शालिभद्र की श्वेत पाषाण की 13" ऊंची है। इस पर कोई लेख व नाम नहीं
है लेकिन शालिभद्र जी कहते है। 2. श्री माणिभद्र की श्वेत पाषाण की 11"6 की प्रतिमा है। इस पर कोई लेख व
नाम नहीं है, माणिभद्र कहा जाता है। सभामण्डप में आलियों में: 1. श्री धरणेन्द्र देव की श्याम पाषाण की 5.5" ऊंची प्रतिमा है। कोई लेख नही है।
बनावट के आधार पर नाम लिखा है। 2. श्री नाकोड़ा भैरव की श्वेत पाषाण की 16" ऊंची प्रतिमा है। इस पर सं. 2038
का लेख है।
सभा मण्डप के एक स्तम्भ पर वि. सं. 1678 वै. सुदि 7 का शिलालेख है। मंदिर की 5 दुकाने व 5 बीघा भूमि है। पुजारी को अनाज क्रमानुसार परिवार देता है। समाज कीओर से इसकी देखरेख श्रीनाथूलालजीझामड़करते है। मोबाइल: 96942 53247
'मतभेद' से साथ में रहने से अच्छा है, 'प्रेम' से
अलग रहना ।
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