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मेवाड़ के जैन तीर्थ भाग 2
1.
श्री जिनेश्वर भगवान की 2.5" ऊँची प्रतिमा है। इस पर संवत् 1158 का लेख है। श्री पार्श्वनाथ भगवान की 5.5" ऊँची प्रतिमा है। इस पर संवत् 1273 का लेख है।
श्री जिनेश्वर भगवान 2" ऊँची प्रतिमा है। इसके पीछे जसोदा लिखा है। 5. श्री पार्श्वनाथ भगवान 4.5" ऊँची पंचतीर्थी प्रतिमा है। इस पर संवत् 1580
का लेख है। 6. त्रिकोण यंत्र ताम्बे का 6" ऊँचा है। इस पर मंत्र लिखे हुए हैं। बाहर आलिए में:
श्री पद्मावती देवी की श्वेत पाषाण की 13" ऊँची प्रतिमा है। इस पर संवत्
1946 का लेख है। 2. ' श्री चक्रेश्वरी देवी की श्याम पाषाण की 10" ऊँची प्रतिमा है। इस पर संवत्
1946 का लेख है। 3. श्री नाकौड़ा भैरव की पीत पाषाण की 13" ऊँची प्रतिमा है। इस पर संवत्
2056 का लेख है। 4-5. क्षेत्रपाल की 6 व 21" ऊँची प्रतिमा है। मंदिर कीवार्षिकध्वजामाघवदि6 को चढ़ाई जाती है।
मंदिर का उपाश्रय है। समाज की ओर से मंदिर की देखरेख श्री रतनसिंह जी पारख द्वारा की जाती है।
फोन : 01472-220071
यदि कठोर भाव ही न रहें तो पूरे जगत का वैभव मिल सकता है।
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