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श्री शांतिनाथ भगवान ( मूलनायक के बाएं) की श्वेत पाषाण की प्राचीन प्रतिमा है।
मेवाड़ के जैन तीर्थ भाग 2
श्री सेसली पार्श्वनाथ की (मूलनायक ) श्वेत पाषाण की 19" ऊँची प्रतिमा है । इस पर लेख है - लखडवास निवासी
श्री संभवनाथ भगवान की (मूलनायक के दाएँ) श्वेत पाषाण की 11" ऊँची प्रतिमा है। इस पर धिसा हुआ अपठनीय लेख है ।
श्री अरनाथ भगवान की ( मूलनायक के बाएं) श्वेत पाषाण की 9" ऊँची प्रतिमा है। इस पर लेख है - संवत् 1992 वै. शु. 10 खौ प्रा श्री
अरनाथ -
100. श्री पद्मावती देवी की श्वेत पाषाण की 29" ऊँची प्रतिमा है। इस पर लेख हैं - मदनराज, कुशलराजजी पुत्र राजेन्द्र, अशोक
101. श्री पार्श्वनाथ भगवान की श्याम पाषाण की 9" व परिकर तक 19" ऊँची प्रतिमा है । इस पर लेख है - स्व. सज्जनलालजी गुजाल
मंदिर के प्रथम द्वार में प्रवेश करते समय दाई ओर आलिए में -
श्री गौरा भैरव की श्वेत पाषाण की 39" ऊँची प्रतिमा है । इस पर लेख है - मोतीलालजी - मांगीलालजी, अहमदाबाद
प्रवेश करते समय बाईं ओर आलिए में
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. श्री मणिभद्रजी की श्वेत पाषाण की 27" ऊँची प्रतिमा है । इस पर लेख है - श्री फतहलालजी रोशनबाई सुपुत्र
जहाँ गोरा भैरवजी की प्रतिमा प्रतिष्ठित है । परम्परा, मान्यता व अनुभव यह है कि जहाँ। शब्द 'गोरा' भैरव आता है तो काला (श्याम) भैरव की प्रतिमा भी होनी चाहिए। जानकारी करने पर ज्ञात हुआ कि काला भैरव की प्रतिमा हटा दी गई और नीचे सुरक्षित रखी है। मेरी मान्यता है कि इसके अभाव के कारण मंदिर का विकास नहीं हो रहा है। इस पर ट्रस्टीगण को विचार करना चाहिए और जिस ट्रस्टी की सहमति रही है, वे भी किसी न किसी रूप में तनाव में होंगे। कहाँ तक सही है, नहीं कहा जा सकता, यह मेरी निजी मान्यता है ।
मंदिर निर्माण की कला इतनी सूक्ष्म रही है कि भगवान के जन्म कल्याण के दिन अर्थात् पोषवदि 10 को सूर्य की पहली किरण भगवान के मस्तक पर पड़ती थी, आज
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