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बाहर निकलते समय बाईं ओर :
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मेवाड़ के जैन तीर्थ भाग 2
चरण-पादुका पट्ट (चार पादुकाएँ जोड़ी) श्वेत पाषाण का 18 " x 16” का है। इसके किनारे लेख है जो पढ़ने में आता है, वह है - संवत् 08 वर्षे मार्गशीर्ष सुदि
श्री चंचलेश्वर पार्श्वनाथ भगवान की श्वेत पाषाण की 19" ऊँची प्रतिमा है। इस पर लेख है - कुँवारिया निवासी ओसवाल श्रेष्ठि श्री केसरी मलेन सुत मी लावण्य सूरीश्वरस्य श्री दक्ष सूरीश्वरैः आ. श्री सुशीलसूरीश्वरे बालक विनोद -
लहर
नवलखा पार्श्वनाथ की श्वेत पाषाण की 23" ऊँची प्रतिमा है। इस पर लेख है – स्वस्ति वीर सं. 2503 वि.सं. 2033 नेमी सं. 28 माधसुदि 13 बुधवासरे भानपुरा निवासी प्राग्वाट श्रेष्ठि श्री सरेमल खींमराज श्रेयसे तद् धर्मपत्नी बादामबाई श्राविकाया भंवरलाल, सागरमल नवलखा पार्श्वनाथ जिन बिंब कारितं प्रतिष्ठितं च तपा. आचार्य श्री विजय नेमीलावण्य सुरीश्वर पट्टधराचार्य श्री विजयदक्ष सुरीश्वर आचार्य विजय सुशीलसुरीश्वर वाचक श्री विनोद विजय
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श्री जगवल्लभ पार्श्वनाथ भगवान की श्वेत पाषाण की 23" ऊँची प्रतिमा है । इस पर लेख है - 'श्री करेड़ा तीर्थ चण्डीगढ निवासी श्रेष्ठि श्री परसराम जैन श्रेयसे स्व. श्रीमती द्रोपदीदेवी सोमनाथ कृष्णारानी नेमनाथ - श्री जगवल्लभ पार्श्वनाथ जिन बिंब करापिंत प्रतिष्ठितं च
श्री नवखण्डा पार्श्वनाथ भगवान की श्वेत पाषाण की 23" ऊँची प्रतिमा है । इस पर लेख है - सादड़ी निवासी ओसवाल श्री केसरीमल, सागरमल भण्डारी श्रेष्ठिका स्वकुटुम्ब श्री नवखण्डा पार्श्वनाथ जिन बिंब कारापिंत प्रतिष्ठित च तपा.
गांगाड़ी पार्श्वनाथ भगवान की श्वेत पाषाण की 23" ऊँची प्रतिमा है । इस पर लेख है - श्री करेड़ा तीर्थ सादड़ी निवासी प्रागवाट श्री शेषमल पण्ड्या नामक श्रेष्ठिना स्व. धर्मपत्नी श्रीमती शकुन्तला सहितेन श्री गांगाडी पार्श्वनाथ बिंब करापिंत प्रतिष्ठितं
श्री शंखेश्वर पार्श्वनाथ भगवान की श्वेत पाषाण की 29" ऊँची प्रतिमा है । इसके नीचे यह लेख है - मेदपाट श्री करहेटक करेड़ा तीर्थ श्री उदयपुर
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