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मेवाड़ के जैन तीर्थ भाग 2
श्री शीतलनाथ भगवान का मंदिर, दांता (नानेश नगर) यह शिखरबंद मंदिर कपासन से 10 किलोमीटर दूर है।रेल्वे स्टेशन कपासन है, बस का साधन है। यह नूतन मंदिर है। यह तृतीय श्रेणी का ठिकाना रहा है यहां के शासक पुरावत कहलाते हैं। मंदिर में निम्न प्रतिमाएं स्थापित हैं : 1. श्री शीतलनाथ भगवान की
(मूलनायक) की श्वेत पाषाण की 23" ऊँची प्रतिमा है। इस पर अस्प्ष्ट लेख है। श्री जितेन्द्र सूरिजी द्वारा
प्रतिष्ठित है। 2. श्री शांतिनाथ भगवान की (मूलनायक
के दाएं) श्वेत पाषाण की 15" ऊँची
प्रतिमा है। 3. श्री नेमिनाथ भगवान की (मूलनायक
के बाएं) श्वेत पाषाण की 15" ऊँची प्रतिमा है। वेदी की दीवार के बीच श्री प्रासाद देवी की श्याम पाषाण की 6" ऊँची प्रतिमा है। बाहर आलिओं में:
1. श्री ब्रह्मा यक्ष की श्वेत पाषाण की 11" ऊँची प्रतिमा है। 2. श्री अशोका देवी की श्वेत पाषाण की 11" ऊँची प्रतिमा है।
उक्त सभी प्रतिमाओं का लेख पीछे की ओर होने से स्पष्टतया "संवत्" अपठनीय रहा। सभी प्रतिमाएँ एक ही दिन विराजमान की गई हैं। वार्षिकध्वजा चैत्र शुक्ला 4 को चढ़ाई जाती है। मंदिर की देखरेख पोखरना परिवार द्वारा की जाती है। व्यवस्था में कमी है।
स्थानकवासी सम्प्रदाय के आचार्य श्री नानालाल जी म0सा0 की यह जन्म स्थली है। इसलिए यह ग्राम नानेश नगर के नाम से जाना जाता है। यहां पर स्वाध्याय संस्कार केन्द्र संचालित है।
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