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मेवाड़ के जैन तीर्थ भाग 2
उत्थापित प्रतिमाएँवयंत्र धातु की: ___ 1. श्री अभिनंदन भगवान की चतुर्विशति 10" ऊँची प्रतिमा हैं। इस पर संवत्
1578 ज्येष्ठ सुदि 2 का लेख है। श्री शांतिनाथ भगवान की 8" ऊँची पंचतीर्थी प्रतिमा हैं। इस पर संवत् 2049 वै.सुदि 6 का लेख है। श्री पार्श्वनाथ भगवान की 3.7" ऊँची प्रतिमा है। इस पर कोई लेख नहीं है। श्री सिद्धचक्र यंत्र 5" x 5" का है। इस पर कोई लेख नहीं है। श्री अष्टमंगल यंत्र 6" x 3.5'' का है। इस पर संवत् 2032 माघ शुक्ला 3
का लेख है। 6. श्री अष्टमंगल यंत्र 6'' x 3' का है। इस पर संवत् 2032 माघ शुक्ला 3 का
लेख है। मंदिर से बाहर निकलते समय दोनों आलिओं में : ____ 1. श्री पार्श्वनाथ की श्याम पाषाण की 13" ऊँची प्रतिमा है। इस पर वीर सं.
2506 ज्येष्ठ शुक्ला 5 का लेख है। 2. श्री पद्मावती देवी की श्याम पाषाण की 13" ऊँची प्रतिमा है। इस पर वीर
सं. 2506 ज्येष्ठ शुक्ला 6 का लेख है। सभा मण्डप में:
श्री पद्मावती देवी की श्वेत पाषाण की 21" ऊँची प्राचीन प्रतिमा है। इस पर कोई लेख नहीं है। श्री माणिभद्र की श्वेत पाषाण की 10" ऊँची प्रतिमा हैं। इस पर कोई लेख
नहीं है। 3. श्री श्राविका की मूर्ति श्वेत पाषाण की है। संभवतया मंदिर निर्मित कराया
हो, नाम की जानकारी नहीं है। सभामण्डप में श्री शत्रुजय तीर्थ, पार्श्वनाथ जी, महावीर भगवान, सम्मेद शिखर जी, के चित्रपट्ट है। मंदिर की 4 दुकाने है जो गिरवी रखी हुई है। उपाश्रय की भूमि सुरक्षित रखी हैं। मंदिर का ताम्रपत्र प्राप्त है। वार्षिकध्वजा ज्येष्ठ शुक्ला 6 कोचढ़ाईजातीहै।
मंदिर की देखरेख समाज की ओर से श्रीचम्पालालजी मारवाडीव श्रीपालजी सेठ द्वारा की जाती है। सम्पर्क सूत्रः फोन : 01476-230008, मोबाइल : 9414732940
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