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पूर्व में एक छोटे कमरे में वेदी पर प्रतिमाएँ विराजमान थी उसके पास ही मंदिर निर्मित कराया और प्रतिष्ठा सं. 2032 में सम्पन्न कराई। यह तृतीय श्रेणी का ठिकाना रहा है ।
मंदिर में निम्न प्रतिमाएँ स्थापित हैं :
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श्री महावीर भगवान का मंदिर, मोरवन
उत्थापित चल प्रतिमाएँ व यंत्र धातु की :
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मेवाड़ के जैन तीर्थ भाग 2
यह घूमटबंद मंदिर निम्बाहेड़ा से 20, मंगलवाड़ चौराहा से 5 किलोमीटर दूर ग्राम के मध्य में स्थित है। गांव मोखन | मोरध्वज राजा के नाम से मोखन बसा है। तथा 2000 वर्ष प्राचीन है। मंदिर पूर्व में घर देरासर के रूप से आदिनाथ भगवान का मंदिर संवत् 1800 के लगभग का है। वर्तमान में श्री महावीर भगवान का है।
श्री महावीर भगवान की (मूलनायक ) श्वेत पाषाण की 17" ऊँची प्रतिमा है। इस पर संवत् 1826 का लेख है ।
श्री मल्लिनाथ भगवान की (गुलनायक के दाएं) की श्वेत पाषाण की 13 ” ऊँची प्रतिमा है। इस पर संवत् 2032 का लेख है ।
श्री शांतिनाथ भगवान की ( मूलनायक के बाएं) श्वेत पाषाण की 13" ऊँची प्रतिमा है। इस पर संवत् 2032 का लेख है।
श्री शांतिनाथ भगवान की 9" ऊँची पंचतीर्थी प्रतिमा है। इस पर संवत् 2032 का लेख है।
श्री पार्श्वनाथ भगवान की 2.2" ऊँची प्रतिमा है। इस पर अस्पष्ट लेख है । श्री सिद्धचक्र यंत्र 4.5" का गोलाकार है। इस पर संवत् 2032 माघ सुदि 3 का लेख हैं ।
श्री अष्टमंगल यंत्र 6" x 3.5" का है। इस पर संवत् 2032 माघ सुदि 3 का लेख है ।
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