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मेवाड़ के जैन तीर्थ भाग 2
3.
श्री मुनिसुव्रत भगवान की (मूलनायक के दाएं) श्वेत पाषाण की 15" ऊँची प्रतिमा है। इस पर कोई लेख नहीं हैं। वेदी की दीवार के बीच प्रासाद देवी की श्वेत पाषाण की 7" ऊँची प्रतिमा है।
2.
बाहर: 1. अधिष्ठायक देवी की 15" ऊँची प्रतीक मूर्ति है।
श्री जिनेश्वर भगवान की श्याम पाषाण की 12' ऊँची प्रतिमा है। इस
पर कोई लेख नहीं है। पीछे की ओर - (परिक्रमा परिसर में): ___ श्री आदिनाथ भगवान की श्याम पाषाण की 17" ऊँची चतुर्विंशति प्रतिमा
है। इस पर सं. 1930 का लेख है। 2. श्री पद्मावती देवी की श्याम पाषाण की 8' ऊँची प्रतिमा है। इस पर कोई
लेख नहीं है।
मंदिर के बाहर एक शिलालेख है संवत् 1982 ज्येष्ठ सुदि 12 का श्री मणिसूरीश्वर द्वारा प्रतिष्ठित कराने का लेख है।
वार्षिकध्वजावैशाखसुदि 12 को चढ़ाई जाती है।
किसी का अहंकार भग्न करके कोई सुरखी हो ही नहीं सकता। 'अंहकार' तो उसका जीवन है।
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