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4.
श्री चक्रेश्वरी देवी की श्वेत पाषाण की 14" ऊँची प्रतिमा है।
श्री अधिष्ठायक देव, भिन्न-भिन्न नाम से कहे जाने वाले - तापेश माणिभद्र, अम्बाजी, भोमिया जी भैरव की 13", 16", 18", 7", 6" ऊँची प्रतीक मूर्तियाँ स्थापित हैं ।
दो पाषाणी पट्ट शत्रुजंय व सम्मेद शिखर जी के दीवार पर बने है, रंग होना शेष है। ये दोनो पट्ट सं. 2021 के निर्मित हैं।
मेवाड़ के जैन तीर्थ भाग 2
5-9
भण्डार पर दो यंत्र (ताम्बे के ) :
1.
2.
श्री पार्श्वनाथ का यंत्र चोकोर 7 " x 7" का है ।
तीनों शिखर पर पांच मंगल मूर्तियां स्थापित हैं ।
एक पाषाणीय शिलालेख है, पेन्ट करने से अपठनीय रहा, प्रयास किया जायेगा । मंदिर का जीर्णोद्धार संवत् 1920 में हुआ तदुपरान्त सं. 2056 में जीर्णोद्धार हुआ। वार्षिक ध्वजा वैशाख सुदि 3 को चढ़ाई जाती है ।
मंदिर की देखरेख समाज के सदस्य द्वारा की जाती है । सम्पर्क सूत्र
श्री ऋषिमण्डल यंत्र गोलाकार 11" का है ।
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श्री गणेशलाल जी दलाल ( पूर्व मंत्री ) मोबाइल : 9413459559, फोन 01473-264163 श्री देवेन्द्र जी मेहता, (पूर्व कोषाध्यक्ष ) मोबाइल : 9929216124
एक 'भगवान' की पहचान के लिए कितनी सारी पुस्तकें लिखी गई हैं। 'भगवान' तो आपके पास ही हैं।
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