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मेवाड़ के जैन तीर्थ भाग 2
श्री भीडभंजन पार्श्वनाथ भगवान का मंदिर, भीमगढ़
यह घूमटबंद मंदिर कपासन से 20 किलोमीटर दूर | है। यह मंदिर करीब 300 वर्ष प्राचीन बताया गया है। उसी स्थान पर 100 वर्ष पूर्व मंदिर बनाया। उसका भी जीर्ण-शीर्ण हो जाने से जिर्णोद्धार आचार्य श्री जितेन्द्रसूरि जी की निश्रा में
सम्पन्न हुआ। मंदिर में प्रवेश के समय दोनों ओर स्थापित हाथी द्वारा स्वागत होता है। ग्राम 1000 वर्ष प्राचीन है, पूर्व में इसका नाम सरिस्का था। मंदिर में निम्न प्रतिमाएँ स्थापित हैं : 1. श्री पार्श्वनाथ भगवान की (मूलनायक) श्वेत पाषाण की 19" ऊँची प्रतिमा
है। इस पर संवत् 2011 माघ सुदि 11 बुधवार का लेख है। श्री सम्भवनाथ भगवान की (मूलनायक के दाएं) श्वेत पाषाण की 15" ऊँची प्रतिमा है। इस पर संवत् 2011 माघ
सुदि 6 का लेख हैं। 3. श्री सुपार्श्वनाथ भगवान की द्रविमकी
दवीर (मूलनायक के बाएं) श्वेत पस्थानक पाषाण की 15" ऊँची प्रतिमा है। इस पर संवत् 2028 वैशाख सुदि 6 का लेख है।
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