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यह घूमटबंद नूतन मंदिर कपासन से 15 व चित्तौड़गढ़ से 25 किलोमीटर दूर है। इसकी प्रतिष्ठा वि.स. 2062 फाल्गुण
कृष्णा 10 को सम्पन्न हुई। यह नूतन मंदिर है।
मंदिर में निम्न प्रतिमाएँ स्थापित हैं :
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2.
3.
श्री सम्भवनाथ भगवान का मंदिर, बारू
श्री सम्भवनाथ भगवान की (मूलनायक) श्वेत पाषाण की 19" ऊँची प्रतिमा है । इस पर सं. 2062 का लेख है ।
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मेवाड़ के जैन तीर्थ भाग 2
तनावर
श्री शंखेश्वर पार्श्वनाथ की
(मूलनायक के दाएं ) श्वेत
पाषाण की 16” ऊँची प्रतिमा है। इस पर सं. 2062 का लेख है।
श्री विमलनाथ भगवान की (मूलनायक के बाएं) श्वेत पाषाण की 13” ऊँची प्रतिमा है। इस पर संवत् 2062 का लेख है।
उत्थापित चल धातु की प्रतिमा :
श्री महावीर भगवान की 9" ऊँची प्रतिमा है। इस पर सं. 2063 फाल्गुण कृष्णा 11 का लेख है ।
वेदी की दीवार के बीच प्रासाद देवी की 6" ऊँची प्रतिमा स्थापित है ।
सभामण्डप में श्री महावीर भगवान की श्वेत पाषाण की 19" ऊँची उत्थापित प्रतिमा है। इस पर सं. 2062 का लेख है । यह प्रतिमा रूद ग्राम के लिये अस्थाई रूप से यहाँ विराजित है ।
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