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मेवाड़ के जैन तीर्थ भाग 2
श्री महावीर भगवान का मंदिर, बेंगू (किला)
यह शिखरबंद मंदिर चित्तौडगढ़ से 50 किलोमीटर व बेगूंशहर से ऊपर 2 किलोमीटर दूर राजमहल के पास | स्थित है। कहा जाता है कि यह मंदिर
500 वर्ष पुराना है। यह मंदिर यति जी बैंकला
का ही रहा है, ऊपर यतिजीका उपाश्रय है। मेवाड़ का यह प्रथम श्रेणी का
ठिकाना रहा है तथा यहाँ के शासक मेघावत वंशकहलाते हैं तथा इनका पाग के बंदचूण्डावती है। मंदिर में निम्न प्रतिमाएँ स्थापित हैं : 1. श्री महावीर भगवान की (मूलनायक) श्याम पाषाण की 27" ऊँची प्रतिमा
है। प्रतिमा पर लेपन किया गया है, लेख स्पष्ट नहीं होता। यह प्रतिमा बम्बावड़ागढ़ (जोगणिया माता) से लाई गई है। श्री पार्श्वनाथ भगवान की | (मूलनायक के दाएं) श्वेत | पाषाण की 11' ऊँची प्रतिमा है। इस पर सं.
1869 का लेख है। 23. श्री मुनिसुव्रत भगवान की
(मूलनायक के बाएं) श्वेत पाषाण की 11" ऊँची प्रतिमा है। नीचे की वेदी पर श्री चन्द्रप्रभ भगवान की श्वेत पाषाण की 10" ऊँची प्राचीन प्रतिमा है। इस पर सं. 1662 का लेख है। नैत्र (चक्षु) नहीं हैं। कांच की सुन्दर जड़ाई
की हुई है। उत्थापित चल प्रतिमाएँ व यंत्र धातु की:
श्री शांतिनाथ भगवान की 9' ऊँची चतुर्विंशति प्रतिमा है। इस पर सं. 1468 का लेख हैं।
2.
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