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उत्थापित चल प्रतिमाएँ व यंत्र धातु की :
1. श्री पद्मावती देवी की 5” ऊँची प्रतिमा है। इस पर संवत् 1929 का लेख ह ।
श्री सिद्धचक्र यंत्र गोलाकार 4.5" का है। इस पर संवत् 2052 वैशाख शुक्ला 4 का लेख है ।
वेदी के दीवार के बीच श्री प्रासाद देवी की श्वेत पाषाण की 6" ऊँची प्रतिमा है।
2.
सभामण्डप में बाई ओर :
1.
2.
1.
दाहिनी ओर :
2.
मेवाड़ के जैन तीर्थ भाग 2
1.
आगे की ओर :
2.
श्री पार्श्वनाथ भगवान की श्वेत पाषाण की 15" ऊँची प्राचीन प्रतिमा है। इस पर संवत् 2052 ज्येष्ठ शुक्ला 11 का लेख हैं ।
श्री आदिनाथ भगवान की श्याम पाषाण की 20 " ऊँची प्रतिमा है ।
श्री जिनेश्वर भगवान की श्याम पाषाण की 10" ऊँची प्रतिमा है।
श्री सम्भवनाथ भगवान की 8" ऊँची पंचतीर्थी प्रतिमा है। इस पर संवत् 2052 द्वितीय वैशाख शुक्ला 4 का लेख है।
ग्राम के सदस्यों के अनुसार ग्राम 125 वर्ष प्राचीन है। इसमें दो प्रतिमाएँ प्राचीन है, शेष नूतन है ।
3.
श्री चक्रेश्वरी देवी की श्याम पाषाण की 11" ऊँची प्रतिमा है ।
श्री रत्नप्रभ सूरि की श्वेत पाषाण की 13" ऊँची प्रतिमा है ।
4.
श्री नाकोड़ा भैरव की पीत पाषाण की 14" ऊँची प्रतिमा है।
श्री गौमुख यक्ष की श्याम पाषाण की 10 " ऊँची प्रतिमा है।
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मंदिर की देखरेख समाज की ओर से श्री गौतमकुमार जी पीतलिया द्वारा की जाती है । सम्पर्क सूत्र- 01474-230419
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