________________
5
5.
श्री अष्टमंगल यंत्र 6" x 3.5" का है। इस पर संवत् 2045 का लेख हैं । श्री पार्श्वनाथ भगवान की 3" ऊँची प्रतिमा है। इस पर संवत् 1511 का लेख है ।
7.
श्री पार्श्वनाथ भगवान की 2.3" की प्रतिमा है ।
पूर्व में जीर्णोद्धार सं.2006 में सम्पन्न हुआ। वर्तमान में जीर्णोद्धार की आवश्यकता है । ध्वजा दण्ड टूटा हुआ है । वार्षिक ध्वजा नहीं चढ़ाई जाती है । व्यवस्था संग्रहित धन 2.00 लाख के ब्याज की राशि से की जाती है ।
मेवाड़ के जैन तीर्थ भाग 2
6.
समाज की ओर से देखरेख श्री बसन्तीलाल महता व श्री महावीर जी महता करते हैं । सम्पर्क सूत्र - 9799102359, 9982774740
Jain Education International
भिरवारी को कुछ देना ही, ऐसा कायदा नहीं है, लेकिन ‘तिरस्कार’तो कभी नहीं करना चाहिए ।
For Person Private Use Only
www.jainelibrary.org