________________
5
3.
4.
है।
5.
2.
मेवाड़ के जैन तीर्थ भाग 2
6.
7.
8.
9.
बाहर की ओर :
1.
श्री चन्द्रप्रभ भगवान की 6.5" ऊँची पंचतीर्थी प्रतिमा है। इस पर संवत् 1510 का लेख है।
श्री पार्श्वनाथ भगवान की 3.5" ऊँची प्रतिमा है ।
1.
श्री शांतिनाथ भगवान की 3.5" ऊँची प्रतिमा है। इस पर सं. 1699 का लेख है ।
बीस स्थानक यंत्र गोलाकार 10" का है। कोई लेख नहीं है।
श्री सिद्धचक्र यंत्र 4.5" का गोलाकार है। कोई लेख नहीं है।
श्री सिद्धचक्र यंत्र 4.5" का गोलाकार है । कोई लेख नहीं है।
श्री अष्टमंगल यंत्र 6" x 3.5" का है।
Jain Education International
निम्न प्रतिमाएँ जो एक कमरे में अस्थाई रूप से विराजित हैं, उन्हें स्थायी स्थान पर विराजमान की जावेगी ।
श्री अजित यक्ष की श्वेत पाषाण की 13" ऊँची प्रतिमा है। इस पर संवत् 2059 का लेख है।
श्री सुतरका यक्षिणी की श्वेत पाषाण की 13" ऊँची प्रतिमा है। इस पर संवत् 2059 का लेख है ।
श्री जिनकुशल सूरि की श्वेत पाषाण की 19" ऊँची प्रतिमा है ।
2.
श्री नाकोड़ा भैरव की पीत पाषाण की 13" ऊँची प्रतिमा है ।
3.
श्री घंटाकर्ण महावीर की श्वेत पाषाण की 21" ऊँची प्रतिमा है। श्री अम्बिका देवी की श्वेत पाषाण की 19" ऊँची प्रतिमा है।
4.
इन सभी प्रतिमाओं पर संवत् 2059 का लेख है। तीन मंगलमूर्तिएँ भी हैं । वार्षिक ध्वजा फाल्गुण शुक्ला 7 को चढ़ाई जाती है ।
मंदिर की देखरेख श्री जैन श्वेताम्बर श्री संघ, अणुनगरी रावतभाटा द्वारा की जाती
सम्पर्क सूत्र -
श्री कमलेश जी गिलानी, मोबाइल : 9414940062
श्री अशोक जी लोढ़ा, मोबाइल : 9413317573 श्री दिनेश वराड़िया, फोन : 01475-233425
For Per 70 vate Use Only
www.jainelibrary.org