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मेवाड़ के जैन तीर्थ भाग 2
श्री जैन श्वे. मन्दिर बस्ती (जब
श्री विमलनाथ भगवान का मंदिर, बस्सी (आम्बा) यह शिखरबंद नूतन मंदिर जावद (म.प्र.) से 20 किलोमीटर दूर है, कहा जाता है
कि इस ग्राम को बसे हुए करीब 350 वर्ष हुए हैं, तब ये एक कच्चे केलुपोश मकान में ऋषभदेव भगवान की प्रतिमा विराजित
थी, उसका जिर्णोद्धार करा नूतन मंदिर का निर्माण कराया। प्रतिष्ठा सं. 2065 पोष
वदि 2 को पद्मभूषण विजयजी व श्री
| निपुणरत्न जी की निश्रा में सम्पन्न हुई। इस मंदिर में निम्न प्रतिमाएं स्थापित हैं 1. श्री विमलनाथ भगवान की (मूलनायक) श्वेत पाषाण की 15" ऊँची प्रतिमा है। 2. श्री पार्श्वनाथ भगवान की (मूलनायक के दाएं) श्वेत पाषाण की 11" ऊँची
प्रतिमा है। इन पर कोई लेख नहीं है। 3. श्री महावीर भगवान की (मूलनायक के बाएं) श्वेत पाषाण की 10' ऊँची प्रतिमा है। नीचे वेदी पर श्याम पाषाण की श्री ऋषभदेव भगवान की श्याम पाषाण की 5" ऊँची श्री पार्श्वनाथ भगवान की 1.7" व महावीर भगवान की 2" ऊँची प्रतिमा है।
इन तीनों प्रतिमाओं को यहाँ विराजित कराई जो 400 वर्ष प्राचीन बताई जाती है। वेदी की दीवार के बीच प्रासाद देवी की श्वेत पाषाण की 5" ऊँची प्रतिमा
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