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मेवाड़ के जैन तीर्थ भाग 2
श्री सिद्धचक्र यंत्र 4.5 गोलाकार है । इस पर संवत 2051 चैत्रसुदि 13 का लेख है ।
वार्षिक ध्वजा नहीं चढ़ाई जाती है। मंदिर के भवन की स्थिति व व्यवस्था के बारे में विचार करना चाहिए। मंदिर के पास ही उपाश्रय है ।
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वर्तमान में सकलेचा परिवार रूचि लेता है लेकिन व्यवस्था असंतोष की परिभाषा में आती है। जीर्णोद्धार की आवश्यकता है । प्राचीन प्रतिमा चोरी हो गई थी, उसका वाद न्यायालय में चल रहा है ।
भदेसर स्थानकवासी आचार्य श्री शांतिमुनि म.सा. की जन्म स्थली है । समाज की ओर से सम्पर्क सूत्र - मोबाइल : 995018088
यदि जगत में 'गेस्ट' की हैसियत से रहना आ गया तो मानो पूरा जगत आपका अपना है।
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