________________
3.
मेवाड़ के जैन तीर्थ भाग 2
4-6
तांबे का गोलाकार श्री यंत्र 7" का है। इस पर सं. 1694 माघ सुद 5 का लेख हैं ।
नवकार मंत्र का ताम्बे का पत्र 3.3" ऊँचा है। माणिभद्र की (क्षेत्रपाल) की 10", 7" व 7" ऊँची प्रतिमा है।
ग्राम में 4 श्वेताम्बर व 2 दिगम्बर समाज के सदस्य रहते हैं। मंदिर का खेत है, दुकाने हैं, पीछे खुली जगह है ।
समाज ओर से व्यवस्था श्री कैलाश कुमार जी करते हैं। चार्ज श्री कैलाश जी जैन के
पास है ।
Jain Education International
सम्पर्क सूत्र- 01474-252311
पूरा जगत लक्ष्मी को स्थिर करने की कोशिश में लगा हुआ है लेकिन लक्ष्मी जाने के लिए ही आई है और आने के लिए ही जाती है।
For Personal & Private Use Only
68
www.jainelibrary.org