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मेवाड़ के जैन तीर्थ भाग 2
श्री पार्श्वनाथ भगवान का मंदिर, बेगू (शहर)
____ यह पाटबंद मंदिर चित्तौडगढ़ से 50 किलोमीटर दूर शहर के मध्य में स्थित है। कथनानुसार यह मंदिर 500 वर्ष प्राचीन मानते हैं। उल्लेखानुसार सं. 1781 का निर्मित है। यह यति का मंदिर था, जिसकी यति श्री रतनलाल जी द्वारा देखरेख की जाती थी, 50 वर्षों से समाज को सुपूर्द किया।पूर्व में यति का मकान व उपाश्रय रहा है। बेगूं की जागीरी सत्यव्रत चूण्डा मुख्य वंशधरखेंगार के पुत्र गोविन्ददास की दीगई
मंदिर में निम्न प्रतिमाएं स्थापित हैं:
1. श्री पार्श्वनाथ भगवान की (मूलनायक) श्वेत पाषाण की 17" ऊँची प्रतिमा है। इस पर सं. 1421 का
लेख है। 2. श्री आदिनाथ भगवान की (मूलनायक के दाएं) श्वेत पाषाण की 17" ऊँची
प्रतिमा है। इस पर संवत् 1860 फाल्गुण सुद का लेख है। 3. श्री आदिनाथ भगवान की (मूलनायक के बाएं) श्वेत पाषाण की 15" ऊँची
प्रतिमा है। इस पर सं. 1860 का लेख है। उत्थापितचल प्रतिमाएँव यंत्र धातु की: ___ 1. श्री सम्भवनाथ भगवान की 9" ऊँची प्रतिमा है। इस पर सं. 2050 का लेख
2-3-4 श्री पार्श्वनाथ भगवान की 3.3" , 3" , 2" ऊँची प्रतिमा है। इस पर कोई
लेख नहीं है। 5. श्री शांतिनाथ भगवान की 9" ऊँची प्रतिमा है। इस पर सं. 2048 का लेख
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