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मेवाड़ के जैन तीर्थ भाग 2
4.
श्री शांतिनाथ भगवान की 9" ऊँची पंचतीर्थी प्रतिमा है। श्री कुथुनाथ भगवान की 9" ऊँची पंचतीर्थी प्रतिमा है। इस पर सं. 2038 का लेख है। श्री पार्श्वनाथ भगवान की 9" ऊँची पंचतीर्थी प्रतिमा है। इस पर अपठनीय लेख हैं। श्री सिद्धचक्र यंत्र (नवकार मंत्र) 9" गोलाकार है। इस पर कोई लेख नहीं
9. 10.
श्री सिद्धचक्र यंत्र 5" गोलाकार है। इस पर सं. 2040 का लेख है। यंत्र तांबे का 9" ऊँचा है। इस पर मंत्र उत्कीर्ण हैं। अष्टमंगल यंत्र 6"x 3.5" का है। इस पर 2045 वैशाख शुक्ला 5 का लेख
दोनो और आलिओं में: 1. श्री जिनेश्वर भगवान की (बाईं ओर) श्वेत पाषाण की 15" व परिकर सहित
31" ऊँची प्राचीन प्रतिमा है। 2. श्री नवपद का चित्रपट्ट स्थापित है। 3. श्री चक्रेश्वरी देवी की श्वेत पाषाण की 13" ऊँची प्रतिमा है। इस पर सं.
1941 पोष वदी का लेख है।। 4. श्री माणिभद्र वीर की श्वेत पाषाण की 15" ऊँची प्रतिमा है। इस पर सं.
1941 पोष वदी का लेख है। परिक्रमा परिसर में तीनों ओर देव देवियों व अप्सराओं की मूर्तियाँ हैं। मुख्य दरवाजे पर नगारखाना है व सुन्दर कलाकृति व प्राचीन चित्रकारी विद्यमान है।
वार्षिकध्वजावैशाख सुदि 6 को चढ़ाईजाती है।
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