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मेवाड़ के जैन तीर्थ भाग 2
बाहर:
श्री माणिभद्र की श्वेत पाषाण की 9' ऊँची है। श्री पद्मावती देवी की खण्डित प्रतिमा है। ध्वजादण्ड उपलब्ध नहीं होने से वार्षिकध्वजा नहीं चढ़ाई जाती है। मंदिर की 4 बीघा जमीन है, चित्तौड़ शहर में भी दो दुकानें होने की जानकारी है। ऐसी जानकारी है कि दुकानें बेच दी हैं। शोध का विषय है। मंदिर की देखरेख समाज की ओर से श्री सोहनलाल जी गांग, शांतिलाल जी गांग करते हैं।
इस जगत में कर्ता पुरूषों के लिए 'मेहनत' है और अकर्ता पुरुषों के लिए 'वेभव' है।
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