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मेवाड़ के जैन तीर्थ भाग 2
भवनसानसीजनरच्यमाथामकावर
श्री मुनिसुव्रत भगवान का मंदिर, चित्तौड़गढ़ (रेल्वे स्टेशन)
यह उत्थापित देरासर है। इसकी स्थापना जैन गुरूकूल में सन् 1989 में हुई और मंदिर प्रतिमा परिकर आदि सभी धातु केहै। मंदिर में निम्न धातु की प्रतिमाएँ विराजमान है:
श्री मुनिसुव्रत भगवान की 10" परिकर सहित 18" व मंदिर तक 37" ऊँची प्रतिमा हैं। इस पर संवत् वि.सं
2042 माघ कृष्णा 2 का लेख है। अन्य प्रतिमाएँ: 1. श्री पार्श्वनाथ भगवान की 5" ऊँची
प्रतिमा हैं। इस पर दिनांक 9.1.2002 का लेख हैं। श्री सुविधिनाथ भगवान की 6" ऊँची प्रतिमा हैं। इस पर संवत् 1524 आषाढ़ सुदि 9 का लेख हैं। श्री आदिनाथ भगवान की 6.5" ऊँची पंचतीर्थी प्रतिमा हैं। इस पर संवत् 1466 आषाढ़ सुदि 9 का लेख हैं।
श्री जिनेश्वर भगवान की 11" ऊँची प्रतिमा हैं। इस पर कोई लेख नहीं है। 5. श्री पार्श्वनाथ भगवान की 1.7" ऊँची (परिकर सहित) प्रतिमा हैं। 6. श्री देवी की 2" ऊँची प्रतिमा हैं। इस पर कोई लेख नहीं हैं।
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