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मेवाड़ के जैन तीर्थ भाग 2
श्री महावीर भगवान का मंदिर-चित्तौड़गढ़ शहर
यह घूमटबंद मंदिर धींगो का कहलाता है। मंदिर किले के नीचे जूना (प्राचीन ) बाजार में स्थित है। कथनानुसार मंदिर 400 वर्ष प्राचीन है।बाहर शिलालेख भी है लेकिन चूनासीमेन्ट लगने से अपठनीय है। इस मंदिर में निम्न प्रतिमाएं स्थापित है:
___ 1.
श्री महावीर भगवान की (मूलनायक) की श्वेत पाषाण की 13'' ऊँची प्राचीन प्रतिमा है। श्री ऋषभदेव भगवान की (मूलनायक के दाएं) श्वेत पाषाण की 11" ऊँची प्रतिमा है। इस पर सं. 1624 वै.सु. का लेख है। श्री चन्द्रप्रभ भगवान की (मूलनायक के बाएं) श्वेत पाषाण की 11" ऊँची प्रतिमा हैं। इस पर सं. 1661 वै.सु. 3 का लेख है।
3.
1
उत्थापित धातु की प्रतिमाए व यंत्र:
श्री आदिनाथ भगवान की 6" ऊँची प्रतिमा है। 2. श्री शांतिनाथ भगवान की चतुर्विशंति 12" ऊँची प्रतिमा है। इस पर 15.02.
09 का लेख है। श्री महावीर भगवान की 8" ऊँची पंचतीर्थी प्रतिमा है। इस पर सं. 2043 का लेख हैं।
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