________________
मेवाड़ के जैन तीर्थ भाग 2
उक्त सभी प्रतिमाओं की प्रतिष्ठा संवत् 2029 महासुदि 13 गुरूवार को सम्पन्न हुई और इसी वर्ष का सभी प्रतिमाओं पर उत्कीण लेख हैं। बाहर निकलते समय दाएं:
1.
श्री गौरा भैरव की श्वेत पाषाण की 19" ऊँची प्रतिमा है। इस पर सं. 2065 चैत्र शुक्ला 13 का लेख है।
___ 2.
श्री काला भैरव की पाषाण की 19'' ऊँची प्रतिमा है। इस पर संवत् 2065 का लेख है।
बाहर निकलते समय बाई ओर देवरी में :
1. श्री सिद्धर्षि (मूलनायक) की श्वेत पाषाण की 25" ऊँची प्रतिमा है। इस पर
स. 2029 माह सुदि 13 का लेख है। 2. श्री उद्योतन सूरि (मूलनायक के दाएं) की श्वेत पाषाण की 27" ऊँची
प्रतिमा है। इस पर स. 2029 माह सुदि 13 का लेख है। . 3. श्री पुण्य विजय की (मूलनायक के बाएं) की श्वेत पाषाण की 27" ऊँची
प्रतिमा है। इस पर स. 2029 माह सुदि 13 का लेख है। बाहर निकलते समय दाई ओर देवरी में :
(क) श्री सिद्धसेन दिवाकर (मूलनायक) की श्वेत पाषाण की 27" ऊँची प्रतिमा
है।
(ख) श्री जिन वल्लभसूरि (मूलनायक के दाएं) की श्वेत पाषाण की 25" ऊँची
प्रतिमा है। (ग) श्री जिनदत्तसूरि की (मूलनायक के बाएं) की श्वेत पाषाण की 25" ऊँची
प्रतिमा है। इन सभी प्रतिमाओं पर सं. 2029 का लेख है।
Jain Education International
For Personal 34vals use Only
www.jainelibrary.org