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मेवाड़ के जैन तीर्थ भाग 2
श्री शांतिनाथ भगवान का (चौमुखा जी) मंदिर - चित्तौड़ किला
यह शिखरबंद मंदिर गौमुख कुण्ड की ओर जाते समय दाहिनी ओर स्थित है। यह मंदिर सुकोशल मुनि के मंदिर के ऊपर ही निर्मित है। इस मंदिर को श्री पार्श्वनाथ भगवान का मंदिर कहा जाता है। उल्लेखानुसार श्री शांतिनाथ भगवान का मंदिर है, वास्तविक स्थिति स्पष्ट नहीं है।चारों दिशाओं में स्थापित प्रतिमाएं अजितनाथ भगवान व श्री जिनेश्वर (शांतिनाथ ) भगवान की श्वेत पाषाण की 9"ऊँची है। इनमें से एक प्रतिमा परसंवत् 1491 कालेख है।
ऐसा भी उल्लेख है कि गौमुख कुण्ड के पास मुनिसुव्रत भगवान का मंदिर है, उसके सामने सुकोशल मुनि, कीर्तीधर मंदिर के अतिरिक्त कुम्भा के मंत्री वेला ने शांतिनाथ भगवान का मंदिर, श्री श्रेष्ठी डुंगर द्वारा निर्मित शांतिनाथ भगवान व श्री
सम्भवनाथ भगवान का मंदिर का उल्लेख है, उल्लेखानुसार यह स्पष्ट होता है कि चारों प्रतिमाएं उल्लेखित जिन मंदिर की प्रतिमाएं होगी, (ऐसी लेखक की मान्यता है)।
इस मंदिर के बारे में विस्तृत जानकारी करने की आवश्यकता है, इतिहासकारों को भविष्य में शोध करनी चाहिए। इस मंदिर की वार्षिक ध्वजा माघ सुदि 2 को चढ़ाई जाती है। इसकी देखरेख सातबीस देवरी श्री जैन श्वेताम्बर मंदिर किला ट्रस्ट द्वारा की जाती है ।
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