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पैथुन कीप्यम में पी माया मारे काहीयमान शुद पर सम्वा ।
। अपरिग्रह महाबत। 11 सापी प्रभारी अपरिग्रा महामना भी पालन रेक्योरि-पन पान मा मुख से गीत मा पो अपरिग्रा महामवरे माम पान गर भादि में ना पात पढ़ो हो रस पमस्व माप फ ना हो, परिमा महानव वा साधु मम मन नघन गौर फाप से पन का सपन । कर पाएप ! भाप पन' पास रखरखे नही मागे का रसने का उपदेश दवे मी मा पन में ही मर्दित व उनकी पतुपादना मा म र म मा ग्रत के पारण फरन मे मपिन पाता । माता है। मिस मामय पर पिचरमा र अपरिग्रह पात मनप्प का मापन उप दारा बन पा मन परापसार रन प समर्थ और समापियफगर पाबमात्र संसार पस में मेप उत्पन्न होन कारण एन ये मुरुप कारण परिवार संपपरामपत्य माप सोनि अपरिया पाचार भपने मात्मा की सामना कर