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जैन आगम ग्रन्थों में पञ्चमतवाद
मतान्तर देखने को नहीं मिलता है। स्थूल दृष्टि से देखा जाए तो सभी वर्गों में गुरुकुल शिक्षा विद्या केन्द्रों का ही प्रचलन था। लिपियां
' प्राचीन भारतीय साहित्य प्रारम्भ में लिखित रूप में नहीं था, क्योंकि यहाँ ज्ञान परम्परा मौखिक रूप में थी। शिलालेखों से प्राचीन भारत में लेखन कला के विषय में जानकारी मिलती है। विन्टरनित्ज का मानना है कि अशोक का शिलालेख जो कि एक प्राचीनतम शिलालेख, जिसका समय 300 ई.पू. है। किन्तु मेक्समूलर आदि विद्वान जैसा कि यह कहते हैं कि इससे पूर्व भारत में लेखन कला थी ही नहीं, सही नहीं लगता है। उनका मानना है कि अशोक के शिलालेखों से लेखन का प्रारम्भ न होकर इससे दीर्घकाल पूर्व हुआ होगा ऐसा लेखन विज्ञान से स्पष्टतः सिद्ध होता है।
कुछ विद्वानों-जी. एस. ओझा, आर. बी. पाण्डे तथा डी. आर. भण्डारकर का मत है कि लेखन कला वैदिक काल के पहले से प्रचलित थी। किन्तु वैदिक साहित्य में लेखन विषयक किसी प्रामाणिक सन्दर्भ के अभाव में विद्वानों में मतैक्य नहीं है।
महावीर का युग लेखन कला के विकास का युग रहा है। लिखने के निश्चित चिह्न या प्रामाणिक स्रोत इसी समय से मिलते हैं। राजप्रश्नीय में लेखन सामग्री के अन्तर्गत पत्र (पत्तग) पुस्तक का पुट्ठा (कम्बिया), डोरी (दोर), गांठ (ग्रंथि), मषीपात्र (लिप्यासन), ढक्कन (चंदण), जंजीर (संकला), स्याही (मषि), लेखनी (लेहणी), अक्षर और पुस्तक (पोत्थय) का उल्लेख मिलता है (राजप्रश्नीय, 185, ब्या.प्र. [119])। पालि त्रिपिटकों में भी लेखन सामग्री के सन्दर्भ में जानकारी मिलती है। स्वयं पिटक शब्द का अर्थ भी पिटारा अथवा पेटिका है।'
1. The edicts of king Asoka belonging to the 3rd century B.C. But it would be
quite wrong to deduce from this as MaxMüeller also has done-that the use of script in India would not have commenced earlier. Palaegraphical facts prove indisputably that at the time of Asoka the scirpt cannot have been possibly a new invention, but it must have already had a long history of its own. Maurice
Winternitz, A History of Indian Literature, Vol.-I, pp. 26-27. 2. K.C. Jain, Lord Mahāvīra and His Times, p. 353. 3. Pitaka Means 'basket' which implies something to hold or contain-a written
document. References to writing occur in the Vinaya Pitaka at many places. The terms Lekhaka and Lekhāpeti are used for 'writer' and caused to be written respectively. K.C. Jain,,Ibid, p. 353.