Book Title: Jain Agam Granthome Panchmatvad
Author(s): Vandana Mehta
Publisher: Jain Vishva Bharati
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ग्रन्थ पञ्जिका
प्रवचनसारोद्धार (नेमिचन्दसूरिविरचित) - सिद्धसेनसूरिविरचित्तवृत्यलंकृत, श्री देवचंद लालभाई पुस्तकोद्धार संस्था, श्री निर्णयसागर यन्त्रणालय, सूरत, पूर्व
भाग, 1922.
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बृहद्द्रव्य-संग्रह (नेमिचन्द सिद्धान्तचक्रवर्ती विरचित) - ब्रह्मदेव संस्कृतवृत्ति एवं जवाहरलाल हिन्दी भाषानुवाद सहित, श्री परमश्रुत प्रभावक मण्डल, आगास, गुजरात, [ प्रथम संस्करण, 1907], पंचम संस्करण, 1989. भावपाहुड (कुन्दकुन्दाचार्यविरचित) - माणिकचन्द ग्रन्थमाला, मुम्बई, वि.सं. 1970 (= ई.सं. 1913).
विधिमार्गप्रपा– (जिनप्रभसूरिविरचित) - अनुवादिका - संशोधिका साध्वी सौम्यगुणाश्री, सुविहित सामाचारी मूलानुवाद एवं विशिष्ट परिशिष्टों सहित, श्री महावीरस्वामी जैन देरासर ट्रस्ट, पायधुनी, मुम्बई, 2005. शास्त्रवार्तासमुच्चय (हरिभद्रसूरिविरचित) - संपा. के. के. दीक्षित, हिन्दी भाषानुवाद एवं टिप्पण सहित, लालभाई दलपतभाई भारतीय संस्कृति विद्या मन्दिर, अहमदाबाद, 1969.
सर्वार्थसिद्धि (पूज्यपादविरचित) - संपा. फूलचन्द सिद्धान्त शास्त्री, भारतीय ज्ञानपीठ, वाराणसी, [प्रथम संस्करण, 1971], तेरहवां संस्करण, 2005. त्रिषष्टिशलाकापुरुषचरित (हेमचन्द्राचार्यविरचित) - संपा. मुनि चरणविजय, श्री जैन आत्मानन्द सभा, भावनगर, प्रथम पर्व, 1936.
(c) पालि ग्रन्थ
अंगुत्तरनिकायो - विपश्यना विशोधन विन्यास, इगतपुरी, प्रथम-द्वितीय-तृतीय भाग,
1993.
अंगुत्तरनिकायपालि- संपा. द्वारिकादास शास्त्री, हिन्दी अनुवाद सहित, बौद्ध भारती, वाराणसी, प्रथम द्वितीय तृतीय - चतुर्थ भाग, 2002.
खुद्दक निकाये (चुल्लनिद्देसपालि ) - विपश्यना विशोधन विन्यास, इगतपुरी, 1998. खुद्दकपाठपालि, उदानपालि, इतिवृत्तकपालि, चरियापिटकपालि - संपा. द्वारिकादास शास्त्री, हिन्दी अनुवाद सहित, बौद्ध भारती, वाराणसी, 2003. जातकट्ठकथा - विपश्यना विशोधन विन्यास, इगतपुरी, भाग- 1 से 5, 1998. - संपा. भिक्षु धर्मरक्षित, भारतीय ज्ञानपीठ, काशी, प्रथम भाग, 1951.

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