Book Title: Jain Agam Granthome Panchmatvad
Author(s): Vandana Mehta
Publisher: Jain Vishva Bharati

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Page 395
________________ 358 जैन आगम ग्रन्थों में पञ्चमतवाद जातकमाला-संपा. जगदीशचन्द्र मिश्र, हिन्दी अनुवाद एवं भूमिका सहित, चौखम्बा सुरभारती प्रकाशन, वाराणसी, द्वितीय संस्करण, 1989. -संपा. सूर्यनारायण चौधरी, मूल संस्कृत हिन्दी अनुवाद, भूमिका टिप्पण सहित, मोतीलाल बनारसीदास पब्लिशर्स, प्रा. लि., दिल्ली, द्वितीय संशोधित संस्करण, 1971], पुनर्मुद्रण, 1991. तत्त्वसंग्रह-शान्तरक्षित विरचित, संपा.-द्वारिकादास शास्त्री, कमलशील पंजिका सहित, बौद्ध भारती वाराणसी, भाग-1, 1981, भाग-2, 1982. तत्त्वसंग्रह-शब्दार्थपरीक्षा-शान्तरक्षित विरचित, अनुवादक व्याख्या-रमेशचन्द्र शर्मा, कमलशील पंजिका पर आधारित हिन्दी व्याख्या सहित, राजस्थान विश्वविद्यालय, जयपुर, 2000. दीघनिकायो-विपश्यना विशोधन विन्यास, इगतपुरी, भाग-1, सीलक्खन्धवग्गो, भाग-2, महावग्गो, भाग-3, पथिकवग्गो, 1993. दीघनिकायपालि-संपा. द्वारिकादास शास्त्री, हिन्दी अनुवाद सहित, बौद्धभारती, वाराणसी, भाग-1, सीलक्खन्धवग्गो, भाग-2, महावग्गो, भाग-3, पथिकवग्गो, 1997. धम्मपद-अनुवादक धर्मानंद कोसाम्बी, रामनारायण पाठक, गुजरात पुरातत्त्व मंदिर, अहमदाबाद, 1924. -संपा. राहुल सांकृत्यायन, रंगून, 1937, [मूल अंग्रेजी में, अनुवादक-एफ. मैक्समूलर, से.बु.ई. ऑक्सफोर्ड, 1898, संपा.-रिजडेविड्स, से.बु.बु., लंदन, 1931]. बुद्धवंशअट्ठकथा-विपश्यना विशोधन विन्यास, इगतपुरी, महाराष्ट्र, 1998. मज्झिमनिकाय-अनुवादक राहुल सांकृत्यायन, महाबोधि सभा, सारनाथ, वाराणसी, [प्रथम संस्करण, 1933], द्वितीय संस्करण, 1964. मज्झिमनिकायपालि-संपा. द्वारिकादास शास्त्री, हिन्दी अनुवाद सहित, बौद्ध ___ भारती, वाराणसी, प्रथम-द्वितीय भाग, मूलपण्णासकं तृतीय-चतुर्थ भाग, मज्झिमपण्णासकं, 1991. मज्झिमनिकायो-विपश्यना विशोधन विन्यास, इगतपुरी, प्रथम भाग-मूलपण्णासपालि, __ द्वितीय भाग, मज्झिमपण्णासपालि, 1998.

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