Book Title: Jain Agam Granthome Panchmatvad
Author(s): Vandana Mehta
Publisher: Jain Vishva Bharati

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Page 403
________________ 366 जैन आगम ग्रन्थों में पञ्चमतवाद 2. उप - अनुसंगी प्रमाण (a) सामान्य आधुनिक ग्रन्थ, शोध-प्रबन्ध, लेख इत्यादि अग्रवाल, वासुदेवशरण-पाणिनीकालीन भारतवर्ष, चौखम्बा विद्याभवन, वाराणसी, [प्रथम संस्करण, 1955], द्वितीय संस्करण, 1969. आचार्य महाप्रज्ञ - इक्कीसवीं शताब्दी और जैन धर्म, जैन विश्व भारती प्रकाशन, लाडनूं, 2002. - जैन दर्शन और अनेकान्तवाद, आदर्श साहित्य संघ प्रकाशन, चूरू, राजस्थान, 2003. - कर्मवाद, आदर्श साहित्य संघ प्रकाशन, चूरू, राजस्थान, 1999. ओझा, गोरीशंकर - भारतीय प्राचीन लिपिमाला, अजमेर, वि.सं. 1975 (= ई. सन् 1918). उपाध्याय, बलदेव-भारतीय धर्म और दर्शन, चौखम्बा पब्लिशर्स, वाराणसी, 2000. - भारतीय दर्शन ( भारतवर्ष की विविध दार्शनिक-वैदिक और तांत्रिक विचारधाराओं का प्रामाणिक विवेचन ), [प्रथम संस्करण, 1942], सप्तम संस्करण, 1966. उपाध्याय, भरतसिंह- बुद्धकालीन भारतीय भूगोल (पालि त्रिपिटक और उसकी अट्टकथाओं के आधार पर), हिन्दी साहित्य सम्मेलन प्रयाग, इलाहाबाद [प्रथम संस्करण, 1961], द्वितीय संस्करण, 1991. कापडिया, हीरालाल - आगमोनुं दिग्दर्शन, भावनगर, 1948. कौसल्यायन, भदन्त आनन्द - जातक, हिन्दी अनुवाद, हिन्दी साहित्य सम्मेलन, प्रयाग, इलाहाबाद, [ खण्ड-1, 2, 3, 4, 5, 6 प्रथम संस्करण, 1941, 1942, 1946, 1951, 1954, 1954], खण्ड-1, 2, 3, 4, 5, 6, द्वितीय संस्करण, 1985, 1985, 1986, 1985, 1985, 1987. गोयल, श्रीराम - प्राचीन भारतीय अभिलेख संग्रह, मूलपाठ, अनुवाद तथा व्याख्या एवं ए.एल. बाशम द्वारा भूमिका, राजस्थान हिन्दी ग्रन्थ अकादमी, जयपुर, खण्ड-1, प्राक्गुप्तयुगीन, 1982.

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