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जैन आगम ग्रन्थों में पञ्चमतवाद
2. उप - अनुसंगी प्रमाण
(a) सामान्य आधुनिक ग्रन्थ, शोध-प्रबन्ध, लेख इत्यादि
अग्रवाल, वासुदेवशरण-पाणिनीकालीन भारतवर्ष, चौखम्बा विद्याभवन, वाराणसी, [प्रथम संस्करण, 1955], द्वितीय संस्करण, 1969.
आचार्य महाप्रज्ञ - इक्कीसवीं शताब्दी और जैन धर्म, जैन विश्व भारती प्रकाशन, लाडनूं, 2002.
- जैन दर्शन और अनेकान्तवाद, आदर्श साहित्य संघ प्रकाशन, चूरू, राजस्थान, 2003.
- कर्मवाद, आदर्श साहित्य संघ प्रकाशन, चूरू, राजस्थान, 1999. ओझा, गोरीशंकर - भारतीय प्राचीन लिपिमाला, अजमेर, वि.सं. 1975 (= ई. सन् 1918).
उपाध्याय, बलदेव-भारतीय धर्म और दर्शन, चौखम्बा पब्लिशर्स, वाराणसी,
2000.
- भारतीय दर्शन ( भारतवर्ष की विविध दार्शनिक-वैदिक और तांत्रिक विचारधाराओं का प्रामाणिक विवेचन ), [प्रथम संस्करण, 1942], सप्तम संस्करण, 1966.
उपाध्याय, भरतसिंह- बुद्धकालीन भारतीय भूगोल (पालि त्रिपिटक और उसकी अट्टकथाओं के आधार पर), हिन्दी साहित्य सम्मेलन प्रयाग, इलाहाबाद [प्रथम संस्करण, 1961], द्वितीय संस्करण, 1991.
कापडिया, हीरालाल - आगमोनुं दिग्दर्शन, भावनगर, 1948.
कौसल्यायन, भदन्त आनन्द - जातक, हिन्दी अनुवाद, हिन्दी साहित्य सम्मेलन, प्रयाग, इलाहाबाद, [ खण्ड-1, 2, 3, 4, 5, 6 प्रथम संस्करण, 1941, 1942, 1946, 1951, 1954, 1954], खण्ड-1, 2, 3, 4, 5, 6, द्वितीय संस्करण, 1985, 1985, 1986, 1985, 1985, 1987.
गोयल, श्रीराम - प्राचीन भारतीय अभिलेख संग्रह, मूलपाठ, अनुवाद तथा व्याख्या एवं ए.एल. बाशम द्वारा भूमिका, राजस्थान हिन्दी ग्रन्थ अकादमी, जयपुर, खण्ड-1, प्राक्गुप्तयुगीन, 1982.