Book Title: Jain Agam Granthome Panchmatvad
Author(s): Vandana Mehta
Publisher: Jain Vishva Bharati

View full book text
Previous | Next

Page 406
________________ ग्रन्थ पञ्जिका 369 -गणधरवाद, जिनभद्रगणि क्षमाश्रमणकृत, राजस्थान प्राकृत भारती संस्थान, जयपुर, 1982. मुनि कल्याण विजयजी-वीर निर्वाण संवत् और जैन कालगणना, शारदान चिमनभाई एज्युकेशनल रिसर्च सेंटर, शाहीबाग, अहमदाबाद, संशोधित संस्करण, 2000. मुनि नथमल-जैन दर्शन के मौलिक तत्त्व, मोतीलाल बैंगानी चैरिटेबल ट्रस्ट, कलकत्ता, खण्ड-1, वि.सं. 2016 (= ई.सन् 1949), खण्ड-2, आदर्श साहित्य संघ, चूरू, राजस्थान, 1960. जैनदर्शन : मनन और मीमांसा, आदर्श साहित्य संघ प्रकाशन, चूरू, राजस्थान, 1973. मुनि नगराज-आगम और त्रिपिटक एक अनुशीलन, नौरंग रॉय कॉन्सेप्ट पब्लिशिंग कम्पनी, नई दिल्ली, खण्ड-1, इतिहास और परम्परा-1969, खण्ड-2, भाषा एवं साहित्य-1982, खण्ड-3, तत्त्व आचार व कथानुयोग-1991, अंग्रेजी अनुवाद, महेन्द्र मुनि और के.सी. ललवानी, भाग-1, 2005, भाग-2, 2003. मिश्र, आद्याप्रसाद-सांख्य दर्शन की ऐतिहासिक परम्परा, सत्य प्रकाशन, इलाहबाद, 1967. युवाचार्य महाप्रज्ञ-आगम संपादन की समस्याएँ, जैन श्वेताम्बर तेरापंथी ___ महासभा, कलकत्ता, 1993. राकेशमुनि-भारतीय दर्शन के प्रमुख वाद, आदर्श साहित्य संघ प्रकाशन, चूरू, राजस्थान, 1988. रानाडे, रामचन्द्र दत्तात्रेय-उपनिषद्-दर्शन का रचनात्मक सर्वेक्षण, राजस्थान हिन्दी ग्रन्थ अकादमी, जयपुर, 1971. शास्त्री, कैलाशचन्द्र-जैन साहित्य का इतिहास [पूर्व पीठीका), श्री गणेश वर्णी दिगम्बर जैन संस्थान, नरिया, वाराणसी-5, [प्रथम संस्करण, 1963], द्वितीय संस्करण, 1996. शास्त्री, उदयवीर-सांख्य दर्शन का इतिहास, गोविन्दराम हासानन्द, दिल्ली, [प्रथम संस्करण, 1979], संशोधित संस्करण, 1991.

Loading...

Page Navigation
1 ... 404 405 406 407 408 409 410 411 412 413 414 415 416