Book Title: Jain Agam Granthome Panchmatvad
Author(s): Vandana Mehta
Publisher: Jain Vishva Bharati
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ग्रन्थ पञ्जिका
विशेषावश्यकभाष्य - संपा. राजेन्द्रविजयजी महाराज, दिव्यदर्शन कार्यालय, अहमदाबाद, भाग 1-2, 1962.
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- संपा. दलसुख मालवणिया, कोट्याचार्यवादिगणिकृत - संपूर्तिरूप विवरण सहित, लालभाई दलपतभाई भारतीय संस्कृति विद्यामन्दिर, अहमदाबाद, खण्ड, 1-2, 1968.
राजप्रश्नीयसूत्रम् - संपा. मिश्रीमलजी महाराज, मूलपाठ, हिन्दी अनुवाद, विवेचन, परिशिष्ट युक्त, श्री आगम प्रकाशन समिति, ब्यावर, राजस्थान, [प्रथम संस्करण, 1982 ], द्वितीय संस्करण, 1991. रायपसेणइयं-संपा. बेचरदासदोशी, गुर्जर ग्रन्थरत्न कार्यालय, अहमदाबाद, 1939.
षट्खण्डागम (जीवस्थान, सत्प्ररूपणा ) - संपा. हीरालाल जैन, परिचय - हिन्दी अनुवाद - परिशिष्ट एवं धवलाटीका सहित, जैन संस्कृति संरक्षक संघ, सोलापुर (प्रथम संस्करण, 1939), चतुर्थ संस्करण, 2000.
स्थानांगसूत्र - संपा. युवाचार्य मधुकर मुनि, मूलपाठ - हिन्दी अनुवाद विवेचनपरिशिष्ट युक्त, श्री आगम प्रकाशन समिति, ब्यावर, वि.सं. 2038 (= ई.सन् 1981).
स्थानांगसूत्र समवायांगसूत्रं च - संपा. मुनि जम्बूविजयजी, अभयदेवसूरिविरचितवृत्ति सहित, मोतीलाल बनारसीदास इण्डोलॉजिकल ट्रस्ट, दिल्ली, 1985. समवाओ - संपा. युवाचार्य महाप्रज्ञ, मूलपाठ - संस्कृत छाया - हिन्दी अनुवाद तथा टिप्पण, जैन विश्वभारती, लाडनूँ, राजस्थान, 1984.
समवायांगसूत्र - संपा. युवाचार्य मधुकर मुनि, मूलपाठ - हिन्दी अनुवाद - विवेचन परिशिष्ट युक्त, श्री आगम प्रकाशन समिति, ब्यावर, वि.सं. 2038 (= ई.सन् 1981).
समवायांगवृत्ति - अभयदेवसूरिविरचित, आगमोदय समिति, सूरत, 1919.
मैं
सूयगडो - संपा. पी. एल. वैद्य, श्रेष्ठी मोतीलाल, मना, 1928.
- संपा. आचार्य महाप्रज्ञ, मूलपाठ - संस्कृत छाया, हिन्दी अनुवाद टिप्पण तथा परिशिष्ट, जैन विश्वभारती, लाडनूँ, राजस्थान, खण्ड-1, 1984, खण्ड-2, 1986.

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