Book Title: Jain Agam Granthome Panchmatvad
Author(s): Vandana Mehta
Publisher: Jain Vishva Bharati

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Page 388
________________ ग्रन्थ पञ्जिका 351 दसवेआलियं-संपा. मुनि नथमल, मूलपाठ, संस्कृत छाया, हिन्दी अनुवाद एवं टिप्पण सहित, जैन विश्वभारती, लाडनूँ, द्वितीय संस्करण, 1974. [प्रथम संस्करण, 1963, जैन श्वेताम्बर तेरापंथ महासभा, कलकत्ता] । दशवैकालिकनियुक्ति-प्राकृत टेक्स्ट सोसायटी, अहमदाबाद, 1973. नंदीसुत्तं-संपा. मुनि पुण्यविजयजी, जिनदासगणि चूर्णिसहित, प्राकृत ग्रन्थ परिषद्, अहमदाबाद, 1966. नंदीसुत्तं अणुओगदाराई-संपा. पुण्यविजयजी तथा दलसुख मालवणिया आदि, श्री महावीर जैन विद्यालय, बम्बई, 1968. नंदी-संपा. आचार्य महाप्रज्ञ, मूलपाठ, संस्कृत छाया, हिन्दी अनुवाद, तुलनात्मक टिप्पण तथा विविध परिशिष्टों से युक्त, जैन विश्वभारती संस्थान, लाडनूं, राजस्थान, 1997. नवसुत्ताणि-संपा. मुनि नथमल, मूलपाठ सहित, जैन विश्वभारती, लाडनूं, राजस्थान, आवस्सयं, दसवेआलियं, उत्तरज्झयणाणि, नंदी, अणुओगदाराई, दसाओ, कप्पो, ववहारो, निसीहज्झयणं, वि.सं. 2044 (= ई.सन् 1987). नायाधम्मकहाओ-संपा. आचार्य महाप्रज्ञ, मूलपाठ-हिन्दी अनुवाद-भाष्य एवं परिशिष्ट-शब्दानुक्रम आदि सहित, जैन विश्वभारती, लाडनूं, राजस्थान, 2003. निरयावलियाओ-संपा. पी.एल. वैद्य, पूना, 1932. -संपा. गोपानी और चोक्षी, अहमदाबाद, 1934. -संपा. टी. चन्द्रसूरि, अहमदाबाद, 1938. नियुक्तिपंचक-प्रधान संपा. आचार्य महाप्रज्ञ, संपा.-कुसुमप्रज्ञा, अनुवादक-मुनि दुलहराज, भद्रबाहु विरचित दशवैकालिक, उत्तराध्ययन, आचारांग, सूत्रकृतांग,दशाश्रुतस्कन्ध की नियुक्तियों के मूलपाठ, पाठान्तर, पादटिप्पण, अनुवाद, विस्तृत भूमिका तथा विविध परिशिष्टों से समलंकृत, जैन विश्वभारती, लाडनूं, राजस्थान, खण्ड-3, 1999. नियुक्तिसंग्रह-संपा. विजयकर्पुरसूरी, श्री हर्षपुष्पामृत जैन ग्रन्थमाला, शांतिपुरी, सौराष्ट्र, 1989.

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