________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
( २० ) ॥ ग्रह मैत्रीचक्रम् ॥
सूर्य | चन्द्र | मंगल | बुध
शुक्र | शनि | राहु
.
.
| शन्नु
.
.
रा. | रा. | रा. | गु..
४. अथ राहुगृहोच्चनीचद्वारम्
यद् बुधस्य ग्रहस्योच्चं राहोस्तद् गृहमुच्यते । यद् बुधस्य गृहं राहोस्तदुच्चं अवते बुधाः॥१८॥ कन्या राहुगृहं प्रोक्तं राहूच्चं मिथुनं स्मृतम् । राहुर्नीचं धनुर्वर्णादिकं शनिवदस्य च ॥१६॥ राहुर्दुष्टः परं किंचिदुदास्ते मित्रसमनि ।
कन्यामिथुनयोः किंचिद्विधत्ते शुभमप्ययम् ॥२०॥ अर्थात् जो बुध की उच्च (कन्या) राशि है, वह राहु का गृह (स्वराशि) है, तथा जो बुध का गृह (मिथुन) है, वह राहु का उच्च है, ऐसा विद्वान कहते हैं। (अतः) राहु का गृह कन्या है और उच्च मिथुन कहा गया है। धनु राशि राहु का नीच है
For Private and Personal Use Only