Book Title: Bhuvan Dipak
Author(s): Padmaprabhusuri, Shukdev Chaturvedi
Publisher: Ranjan Publications

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Page 172
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir ( १७२ ) (ii) दिन के १२ बजे से सूर्यास्त तक प्रश्न किया जाय तो प्रश्नकाल एवं सूर्यास्तकाल के अन्तर को ढाई गुना कर दिनमान में से घटाने पर इष्टकाल होता है। उदाहरण-सं० २०३२ आषाढ़ शुक्ला १४ मंगलवार, दिनांक २२ जुलाई १६७५ को अपराह्न ३/३० बजे प्रश्न किया गया। अत: उक्त नियमानुसार : १६/१४ सूर्यास्त काल स्टै० टा० १५/३० = प्रश्न काल स्टै० टा० इस अन्तर को ढाई गुना करने से ६ घटी ३० पल हुआ। ३३/५४ दिनमान -६/३० - --इष्टकाल २४/२४ (iii) सूर्यास्त से राति १२ बजे तक प्रश्न किया जाय तो प्रश्नकाल एवं सूर्यास्त के अन्तर को ढाई गुना कर दिनमान में जोड़ने से इष्ट काल होता है। उदाहरण : सं० २०३२ आषाढ़ शुक्ला ११ शनिवार दिनांक १६ जुलाई, १९७५ को रात्रि ८/२० बजे प्रश्न किया गया। अत: उक्त नियमानुसार ८/२० प्रश्नकाल १४ सूर्यास्तकाल (१/४)x२३ =२ घटी ४० पल फिर ३४/१ दिनमान . २/४० अन्तर घटीपल ३६/४१ इष्टकाल (iv) रात्रि के १२ बजे के बाद से सूर्योदय के पहिले तक यदि प्रश्न किया जाय तो प्रश्नकाल और सूर्योदय के अन्तर को ढाई गुना कर ६० घटी में से घटाने पर इष्टकाल होता है । For Private and Personal Use Only

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