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( २४ ) वर्गीकरण जातक ग्रन्थों में भी किया गया है । सूर्यादि आठ ग्रहों में से दो जलचर, दो ग्रामचर और शेष चार वनचर माने गए हैं।
चन्द्रमा एवं शुक्र ये दो ग्रह जलचर हैं। इनका सम्बन्ध तालाब, कुंआ, बावड़ी, सरोवर, बाँध, नदी, नहर, समुद्र, झरना एवं अन्य जलीय प्रदेशों से है। बुध एवं गुरु ये दोनों ग्रामचर हैं। इनका सम्बन्ध ग्राम, नगर, जनपद, पार्क, उद्यान, मनोरंजनस्थल, नाट्यगृह, कलागृह, गोष्ठीभवन एवं सभासदन आदि से है । शेष सूर्य, मंगल, शनि एवं राहु ये चारों ग्रह वनचर हैं । इनका सम्बन्ध वन, निर्जन प्रदेश, पर्वत, खनिजक्षेत्र एवं खनिज वस्तुओं से है।
__ इसका प्रयोजन यह है कि यदि प्रश्न के समय चन्द्र या शुक्र बलवान् होकर लग्न में स्थित हो या लग्न को देखता हो, तो प्रश्नकर्ता का सम्बन्ध जल, जलीय (तरल)पदार्थ या जलप्रदेश से होता है। इसी प्रकार अन्य ग्रहों के बारे में जानना चाहिए। - किन्तु शुक्र के बारे में एक बात ध्यान देने योग्य यह है कि यदि प्रश्न जीव से सम्बन्धित हो, और उस स्थिति में शुक्र का लग्न या लग्नेशादि से सम्बन्ध हो, तो प्रश्न स्त्री या विवाह से सम्बन्धित होता है।
प्रभातमिन्दुजगुरु मध्याह्न रविभूमिजौ।
अपराह्न भार्गवेन्दू सन्ध्यां मन्दभुजङ्गमौ ॥२४॥ अर्थात बुध और गुरु प्रातःकाल, सूर्य और मंगल मध्याह्न, शुक्र और चन्द्रमा अपराह्न एवं शनि और राहु सायंकाल के प्रतिनिधअथवा कारक हैं।
भाष्य : प्रश्नकुण्डली के द्वारा कालज्ञान के लिए आचार्य ने
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