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स्थित हों तो अफवाह सत्य होती है। यदि चन्द्रमा और लग्नेश केन्द्र में न हों और पापग्रह केन्द्र में बैठे हों तो अफवाह असत्य होती है । आचार्य नीलकण्ठ ने भी लगभग यही बात कही है। किन्तु उनका यह कथन है कि यदि लग्नेश, चन्द्रमा या शुभ ग्रहों पर शुभ ग्रहों की दृष्टि या युति हो तो अफवाह सुखद समाचार जैसी होती है और पाप ग्रहों की दृष्टि या युति होने से भय या आतंक फैलाने वाली। उनके मतानुसार यदि लग्नेश निकट भविष्य में वक्री होने वाला हो तो अफवाह निश्चित रूप से झूठी होती है। १४. अथ गर्भक्षेम द्वारम्
क्षेम प्रश्ने च गर्भस्य गर्भ गर्भाधिपो भवेत् ।
न पश्यति ग्रहः क्रूरस्तत्र चापि च्युतिस्तदा ॥७॥ अर्थात् गर्भ क्षेत्र के प्रश्न में गर्भ का स्वामी (पंचमेश) गर्भ स्थान (पंचम भाव) को न देखे और पाप ग्रह वहां स्थित हो तो गर्भपात होता है।
भाष्य : गर्भ सकुशल रहेगा या गर्भपात होगा ? इस प्रश्न के समय यदि कुण्डली में पंचमेश की पंचम स्थान पर दृष्टि न हो और पाप ग्रह पंचम स्थान में स्थित हो तो गर्भपात होता १. लग्नं लग्नेश्चरशीत गूदयः शुभान्वितैः केन्द्रगतैस्तु सत्या।
पापान्वितैः पापनिरीक्षितैश्च त्रिकस्थितैर्वा भवतीह मिथ्या ।। शुभदृग्योगतः सौम्यां वार्ता सत्यां विनिदिशेत् । पापदग्योगतः दुष्टा वार्ता सत्येति कीर्तिता ।। लग्नेश्वरे भाविवके मिथ्या वार्ता भविष्यति ।
प्रश्नतन्त्र अ-२ श्लो० ७८-७९
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