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( ६३ ) की जानकारी के लिए कुछ अपने अनुभव में आये योगों को अवश्य बतलाना चाहते हैं। यदि प्रश्न कुण्डली में निम्नलिखित योगों में से कोई एक भी योग हो तो गर्भ में स्थित शिशु जन्म लेते ही मर जाता है अथवा मरे हुए बच्चे का जन्म होता है। (१) पंचमेश मंगल या राहु से युक्त होकर त्रिक स्थान
___ में स्थित हो, (२) पंचमेश और गुरु अष्टम स्थान में हों, (३) पंचम और सप्तम स्थान में बलवान पापग्रह हों, (४) पंचम स्थान में धनु राशि हो, उसमें राहु बैठा हो
___ और किसी पाप ग्रह की उस पर दृष्टि हो। १५. गुविणी प्रसव द्वारम्
अविनष्टो यदा गर्भाधिपो गर्भ निरीक्षिते।
तदैव प्रसवो गुळ नान्यथेति विनिश्चयः ॥८॥ अर्थात् गर्भ का स्वामी (पंचमेश) जब नष्ट न होकर गर्भ स्थान पंचम को देखता है तब गर्भिणी को प्रसव होता है। विपरीत स्थिति में नहीं होता।
भाष्य : "भाव पर जब भावेश की दृष्टि पड़ती है, तब भावफल की प्राप्ति होती है" यह ज्योतिषशास्त्र का प्रसिद्ध एवं सर्वमान्य नियम है। अतः जब पंचमेश पंचम स्थान को देखता है तब सन्तान का जन्म होता है यह कहना युक्तियुक्त है। किन्तु यदि पंचमेश क्रूराक्रांत, क्रूरयुत, क्रूरदृष्ट या अस्त होने के कारण नष्टसंज्ञक हो, तो वह गर्भ का नाश (गर्भपात) कर देता है। इस स्थिति में प्रसव होने का प्रश्न ही नहीं उठता। इन तथ्यों का विचार कर ग्रन्थकार ने ठीक ही कहा है कि जब
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