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( १२५ )
(iii) द्वादश स्थान पाप ग्रह से युक्त या दृष्ट हो और छठे
स्थान में चन्द्रमा हो। (iv) अष्टम स्थान में स्थित चन्द्रमा को पापग्रह देखते हों। (v) अष्टमेश लग्न में तथा लग्नेश अष्टम में हो और
इनका चन्द्रमा से सम्बन्ध हो । रोगी की मृत्यु कितने दिन में होगी ?
प्रश्न चन्द्रिका में रोगी की मृत्यु कितने दिन में होगी ? इसका विस्तार से विवेचन किया गया है। इस विषय में जो योग हमारे अनुभव में आये हैं, उनका संक्षेप में उल्लेख किया जा रहा है। (i) लग्न से अष्टम और दशम में पाप ग्रह हों तो तीन
दिन में रोगी की मृत्यु होती है। (ii) गुरु और शुक्र तृतीय में हो तथा दशम पापग्रह हों
तो सात दिन में मृत्यु होती है। (iii) लग्न, चतुर्थ और अष्टम में पाप ग्रह हों तो आठ दिन
में मृत्यु होती है। (iv) तृतीय स्थान में सूर्य और दशम स्थान में पाप ग्रह
___ हो तो दस दिन में मृत्यु होती है । (v) चतुर्थ और दशम स्थान में पाप ग्रह हों तो दस दिन
में मृत्यु होती है। (vi) लग्न और द्वितीय में पाप ग्रह हो तो चौदह दिन में
मृत्यु होती है। यहाँ स्मरण रखना चाहिए कि सर्वप्रथम रोगी की मृत्यु का योग भली-भाँति विचार कर तब उपर्युक्त योगों के आधार पर
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