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( १३७ ) गुरु हो तो देव मन्दिर या बाग मे, मंगल हो तो अग्नि के समीप, सूर्य हो तो घर के स्वामी के बैठने के स्थान पर, शुक्र हो तो शयन कक्ष में और बुध हो तो पुस्तकालय, कोष या अनाज के गोदाम में चोरी का सामान होता है।
चोर पकड़ा जायेगा या नहीं : यदि प्रश्न कुण्डली में चन्द्रमा और सप्तमेश सूर्य से कालांश तुल्य अन्तर पर हों तो चोर पकड़ा जाता है । किन्तु वह पकड़ने के समय चोरी का सामान नष्ट कर चुका होता है । और यदि लग्नेश की सप्तम स्थान पर दृष्टि न हो तो चोर धन (चोरी के सामान) सहित पकड़ा जाता है। यदि लग्नेश सप्तमेश से इत्थशाल करता हो तो चोर राज भय से धन दे देता है।
चोरी का सामान मिलने के योग : यदि प्रश्न कुण्डली में निम्नलिखित योगों में से कोई एक योग हो तो चोरी का सामान अवश्य मिलता है
(i) यदि पूर्ण चन्द्रमा या शुभ ग्रह लग्न में हो। (ii) लग्न में शीर्षोदयराशि हो और उस पर शुभ ग्रह
की दृष्टि हो। (ii) लाभ स्थान में बलवान शुभ ग्रह हो । (iv) यदि २, ३, ४, ५, ६, ७ एवं १०वें स्थान में शुभ
ग्रह हों तो भी चोरी का कुछ सामान मिल जाता
चोरी का सामान न मिलने के योग : यदि प्रश्न कुण्डली में निम्नलिखित में से कोई एक हो तो, चोरी का सामान नहीं मिलता :
(i) लग्न पर गुरु या शुक्र की दृष्टि न हो और लग्न पाप
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