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( १३५ )
(vi) यदि प्रश्न लग्न में स्थिर हो तथा बलवान सप्तमेश
सूर्य हो तो घर के स्वामी का पिता चोर होता है। इसी प्रकार यदि उक्त योगकर्ता चन्द्रमा हो तो माता, शुक्र हो तो पत्नी, शनि हो तो पुत्र या नौकर, गुरु हो तो परिवार का मुखिया, मंगल हो तो पुत्र या भाई और बुध हो तो कोई सम्बन्धी या
मित्र चोर होता है। चोर की आयु : चोर की आयु का निर्णय करने के लिए आचार्य नीलकण्ठ ने एक सरल प्रकार बतलाया है-यदि योग कारक ग्रह शुक्र हो तो चोर युवावस्था का होता है। यदि योग कारक बुध हो तो बालक, गुरु हो तो प्रौढ़, मंगल हो तो युवक, शनि हो तो वृद्ध और सूर्य हो तो चोर अति वृद्ध होता है।
चोर किस जाति का है ? : चोर की जाति का निर्णय करने के लिए आचार्य पृथुयश्स एवं भट्टोत्पल ने लग्नेश को महत्व दिया है। लग्नेश ग्रह की जाति के अनुसार चोर की जाति का निश्चय करना चाहिए। ग्रहों में गुरु और शुक्र ब्राह्मण, सूर्य और मंगल क्षत्रिय, चन्द्रमा वैश्य, बुध शूद्र तथा शनि चाण्डाल जाति के प्रतिनिधि ग्रह हैं। अतः प्रश्न लग्न का स्वामी ग्रह जिस जाति का हो, चोर भी उसी जाति का कहना चाहिए।
चोर स्त्री है या पुरुष ? : चोर स्त्री है या पुरुष ? यह निश्चय करने के लिए सप्तमेश की स्थिति और उस पर दृष्टि आदि सूक्ष्म रीति से विचार कर लेना चाहिए। प्रश्न कुण्डली में यदि सप्तमेश स्त्रीराशि (समराशि) में स्थित हो, वह स्वयं स्त्री ग्रह हो या उस पर स्त्री ग्रहों की दृष्टि हो तो चोरी करने
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